
प्रवीर भट्टाचार्य
छत्तीसगढ़ में बाघ एक बार फिर चर्चा में है। इस बार बाघ बजट के लिए नहीं बल्कि अपने हमले के लिए सुर्खियों में है। सरगुजा संभाग के सूरजपुर जिले में बाघ ने 3 लोगों पर हमला कर दिया, जिसमें दो की मौत हो गई और एकगंभीर रूप से घायल है। बताया जा रहा है कि काला मांजन के रहने वाले समय लाल, कैलाश सिंह और राय सिंह सोमवार सुबह पास के जंगल में लकड़ी बीनने गए थे। सुबह 6:00 से 6:30 के बीच अचानक वहां बाघ आ गया और उसने तीनों पर हमला कर दिया।

बाघ ने सबसे पहले समय लाल को पंजे में दबा लिया था। उसके साथियों ने उसे छुड़ाने का प्रयास किया तो बाघ ने कैलाश के शरीर से मांस नोच लिया। यह देख कैलाश और राय सिंह ने कुल्हाड़ी से बाघ पर हमला किया। हमले में बाघ भी घायल हुआ है, लेकिन उसने बावजूद इसके कैलाश और समय लाल को नहीं छोड़ा। घटना के बाद रायसिंह किसी तरह से वहां से भागा और उसने गांव वालों को सूचना दी। इसके बाद ग्रामीण जंगल में पहुंचे। बाघ के हमले में समय लाल दम तोड़ चुका था। कैलाश और राय सिंह को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी गंभीर हालत को देखते हुए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, लेकिन इलाज के दौरान कैलाश की भी मौत हो गई ।

बाघ फिलहाल उसी जंगल में मौजूद है, इसलिए वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को जंगल नहीं जाने की सलाह दी है। बच्चों को भी स्कूल जाने से फिलहाल मना किया गया है। दावा किया जा रहा है कि यही बाघ पिछले दिनों बलरामपुर क्षेत्र में आतंक मचा रहा था, जिसने कई जंगली जानवरों का शिकार शिकार किया था। लोगों ने उसे कैलाशपुर के जंगल में भी देखा था। रोड से आते जाते उसकी तस्वीरें भी वायरल हुई थी। अब बाघ द्वारा इंसानों पर हमला किए जाने से लोग दहशत में है। बाघ आदमखोर बन चुका है या नहीं इसे लेकर अब भी संशय कायम है।
