सतविंदर सिंह अरोड़ा

स्मार्ट सिटी कैसे कहलाएगा जब तथाकथित स्मार्ट सिटी के निर्माता स्मार्टनेस से कोसों दूर हों। शहर में स्मार्ट सिटी के फंड खपाने के लिए पहले तो जबरिया पेलम पेल, सिग्नल के सामने सिग्नल लगाए गए। फिर पुराने चलते सिनल्स को उखाड़ दिया गया लेकिन कई ऐसे सिग्नल्स हैं जिनके सामने पहले से खंभे लगे हैं जिनके कारण वाहन चालकों को सिग्नल्स नहीं दिखते हैं। कठिन परिश्रम से कमाए हुए करदाताओं के पैसों का दुरुपयोग का इससे अच्छा नमूना नहीं मिलेगा। जनता की व्यस्तता और भलाई के कारण अपनी मनमानी करने वाले नेताओं, नौकरशाहों के कारनामें जनता देख रही है। शायद सही समय पर इनकी मनमानी पर पलीता भी लग जाए।