

आज से बिलासपुर में भव्य राम कथा की शुरुआत हो रही है। श्री राम कथा आयोजन समिति के सौजन्य से हर 5 वर्ष में होने वाले इस श्री राम कथा में वृंदावन के संत श्री विजय कौशल जी महाराज राम कथा का पाठ करेंगे, जिन्हें सुनना अपने आप में अद्भुत अनुभव है। 11 फरवरी शनिवार को दोपहर 3:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक वे कथा सुनाएंगे। रविवार 12 फरवरी को आयोजन स्थल पर परीक्षा होने के कारण समय में परिवर्तन किया गया है। रविवार को शाम 5:00 बजे से सांय 8:00 बजे तक कथा का पाठ होगा। उसके बाद 13 फरवरी से 19 फरवरी तक प्रतिदिन दोपहर 3:00 से 6:30 तक राम कथा सुनाई जाएगी।
इससे पहले शुक्रवार को बिलासपुर पहुंचे संत विजय कौशल जी ने शहर के एक होटल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान आयोजन समिति के सदस्यों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि देश में भले ही भ्रष्टाचार, अपराध और अराजकता बढ़ी हो लेकिन इसी अनुपात में लोगों में भक्ति की भावना भी बढ़ रही है। पहले कुछ संत प्रवचन सुनाते थे। राम कथा सुनाने वालों की संख्या भी सीमित थी, अब यह संख्या बढ़ती जा रही है। देश में लगातार इस तरह के आयोजनों की संख्या भी बढ़ रही है। सुनने वाले श्रोताओं की संख्या भी बढ़ रही है, जिसमें युवाओं की भागीदारी से यह भरोसा जग रहा है कि वे धर्म के रास्ते पर चलेंगे। सभी तीर्थ स्थलों पर भी पहले की अपेक्षा अधिक भीड़ नजर आती है। पूजा पाठ में भी लोगों की भागीदारी बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि रामकथा मनोरंजन के लिए नहीं बल्कि मन के मैल को धोने के लिए है। रामकथा से मन में शुभता, धर्म, संस्कृति परोपकार की भावना उत्पन्न होती है ।उन्होंने बताया कि 35 साल से वे रामकथा कर रहे हैं लेकिन उन्होंने ऐसी विशाल कलश यात्रा कभी नहीं देखी जैसा कि शुक्रवार को बिलासपुर में निकला था। उन्होंने यह भी बताया कि वृंदावन में आरंभ श्री जी रसोई के लिए वे अब अपना अधिकांश समय देंगे, इसलिए वे पहले की तरह अधिक आयोजनों में रामकथा नहीं कर पाएंगे, इसलिए भी बिलासपुर में आयोजित यह रामकथा विशेष है।

इस अवसर पर पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि यह आयोजन बिना राजनीतिक सहयोग के हो रही है, जिसमें पूरे शहर की भागीदारी है।
वैसे पिछले 18 सालों से हर चुनाव के पहले इस कथा का आयोजन बिलासपुर में किया जाता है । ऐसा माना जा रहा है कि भगवान राम का आशीर्वाद लेकर भाजपा चुनाव मैदान में उतरती है, जिससे कि सफलता सुनिश्चित हो। इस दौरान श्री राम कथा समिति से जुड़े तमाम पदाधिकारी और सदस्य मौजूद रहे , जो समाज के अलग-अलग वर्गों से आते हैं, जिसमें व्यापारी, राजनीतिज्ञ, समाजसेवी से लेकर पत्रकार भी शामिल थे।
