आकाश दत्त मिश्रा
बिल्हा में हुए आत्महत्या का मामला और तूल पकड़ता जा रहा है पुलिस की लाख समझाइस के बाद भी परिजन और समाज के लोग दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे है।वही परिजनों ने बुधवार को शव का पोस्टमार्टम होने के बाद जिला अस्पताल से कार्यवाही नही होने तक शव लेने से इनकार कर दिया । छोटी सी विवाद ने बिल्हा में एक युवक को आत्महत्या करने मजबूर कर दिया दरअसल मंगलवार को जिस तरह से बिल्हा में युवक की आत्महत्या का मामला सामने आया और परिजनों ने थाने का घेराव करते हुए पुलिस पर षड्यंत्र का आरोप लगाकर युवक को आत्महत्या के उकसाने का मामला दर्ज कर दोषी पुलिस वाले पर कार्यवाही करने की मांग पर अड़े रहे यही नजारा बुधवार को जिला अस्पताल में भी नजर आया।
दरअसल थाने में पुलिस प्रशासन के द्वारा लिख कर दिया गया है कि दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही होगी परिजन इसी की मांग कर रहे हैं और दोषी पुलिसकर्मियों पर अपराध दर्ज करने को लेकर अड़े हैं जिला अस्पताल बिलासपुर में जब पुलिस प्रशासन मृतक हरीश चंद्र गेंदले के शव का पोस्टमार्टम करने के बाद उसके शव को परिजनों को सौंपा जाने लगा तो परिजन और समाज के लोगों ने शव को लेने से इनकार कर दिया उनका कहना था कि पहले दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही हो उसके बाद वे शव को लेंगे लेकिन पुलिस के आला अधिकारियों का कहना था कि इसमें जांच टीम बनाई गई है तो वही उच्च स्तरीय कमेटी की जांच भी कर रही है ऐसे में जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक अपराध कायम नहीं किया जा सकता लेकिन परिवार और समाज के लोगों का कहना है कि जब तक अपराध दर्ज नहीं किया जाएगा तब तक वह शव को नहीं लेंगे।
इसी बात को लेकर बुधवार को जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम कक्ष के बाहर पुलिसकर्मी और परिजन के बीच लंबी वार्ता चलती रही। वही इस बीच पुलिस प्रशासन के द्वारा उक्त पुलिसकर्मी को निलंबित भी कर दिया गया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए बिल्हा एसडीएम सुभाष राज ने कहा कि परिजनों की मांग को देखते हुए जांच कमेटी बैठा दी गई है जिसकी रिपोर्ट आने पर आगे की कार्यवाही की जाएगी तो वहीं परिजनों को शव को ले जाने के लिए समझाइश दी जा रही है लेकिन वे इससे इंकार कर रहे हैं ऐसे में जो भी उच्च अधिकारियों का निर्देश होगा उसका पालन यहां किया जाएगा- हो हंगामे और विवाद के बीच अभी भी मामला इसी पर उलझा हुआ है कि परिजन चाहते हैं कि पुलिसकर्मी पर अपराध दर्ज हो जबकि पुलिस महकमा फिलहाल जांच की बात कह रहा है लेकिन इस घटना ने इस बात को सोचने पर मजबूर जरूर कर दिया है कि एक छोटे से विवाद और पुलिस की लापरवाही ने किस तरह से एक युवक को काल के गाल में समाने मजबूर किया है अगर उसी वक्त पुलिसकर्मी संयम से काम लेते तो इस तरह से हंगामे की स्थिति निर्मित नहीं होती नाही मामला इतना तूल पकड़ता लकी अब देखना है कि किस तरह से मामले को पुलिस शांत कराती है।