

छत्तीसगढ़ी भाषा की तेजी से उभरती गायिका और बिलासपुर की लाडली बेटी मोनिका को लाख कोशिशों के बावजूद नहीं बचाया जा सका। तमाम जद्दोजहद को नाकाम करते हुए अंततः 23 नवंबर की सुबह मोनिका को पूर्ण रूप से मृत घोषित कर दिया गया। मोनिका सिर्फ 25 साल की थी। अभी तो मोनिका ने अपना सफर शुरू ही किया था। परिवार को ही नहीं मोनिका को जानने वालों को भी उससे ढेरों उम्मीदें थी। लेकिन इन सभी उम्मीदों की भी मौत आज हो गई।

अब तक कई एल्बम में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी मोनिका खुरसैल बिलासपुर मोहन बिल्डिंग के पास अपने घर के बाथरूम में 16 तारीख की सुबह अचानक चीखने लगी। उसके सर में तेज दर्द हुआ था। घबराए परिजन उसे लेकर तुरंत अपोलो अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि मोनिका को ब्रेन हेमरेज हुआ है। अपोलो के चिकित्सकों ने उसे तुरंत रायपुर ले जाने की सलाह दी। किसी तरह परिजन उसे लेकर रायपुर के रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल पहुंचे। डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि मोनिका का तुरंत ऑपरेशन करना होगा और इसके लिए 5 लाख रुपये का भारी-भरकम खर्च भी बताया। परिवार के लिए यह दोहरी मुसीबत थी। डॉक्टर ने यह भी बताया कि अगर इलाज डॉक्टर बी आर अंबेडकर अस्पताल में हो तो खर्च घटकर 3.50 लाख रुपए हो सकता है। बेटी को बचाने की हर संभव कोशिश करते हुए परिजन मोनिका को भीमराव अंबेडकर अस्पताल ले गए। वहां शुक्रवार को ही मोनिका का ऑपरेशन होने वाला था लेकिन 50 हज़ार रुपये कम पड़ गए तो डॉक्टर ने ऑपरेशन थिएटर के बाहर से मोनिका को लौटा दिया। सोमवार को एक बार फिर ऑपरेशन की डेट मिली लेकिन इस बीच उसकी हालत बिगड़ती चली गई। हालत बिगड़ती देख 19 तारीख शनिवार को आनन-फानन में मोनिका का ऑपरेशन किया गया। अब मोनिका को वेंटिलेटर की जरूरत थी, इसलिए उसे किसी और अस्पताल में शिफ्ट करना था। एम्स में जगह न मिलने पर परिजन उसे फिर रामकृष्ण केयर अस्पताल लेकर पहुंचे। इस अस्पताल में भी हर दिन एक लाख रुपए का बिल बन रहा था। परिवार के लिए यह रकम जुटाना आसान नहीं था, इसलिए मोनिका को चाहने वाले क्राउडफंडिंग के जरिए मोनिका को बचाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन इसी बीच मोनिका को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। डॉक्टर परिवार को इस बात के लिए मनाने लगे कि वे मोनिका का ऑर्गन डोनेट कर दे । परिजनों के लिए इससे बड़ा सदमा और कुछ नहीं हो सकता था। वे बड़ी उम्मीदें पाले हुए थे, हर कोई मोनिका के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहा था लेकिन ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था। बुधवार सुबह अंततः मोनिका को मृत घोषित कर दिया गया।

मोनिका को जानने वालों को इस बात का मलाल है कि अगर उसे सही समय पर सही इलाज मिल जाता तो शायद असमय यह उभरती हुई गायिका इस तरह इस दुनिया से अलविदा ना कहती। मोनिका खुरसैल के यूं अचानक इस दुनिया से रुखसत से छत्तीसगढ़ी फिल्म इंडस्ट्री और बिलासपुर में शोक का वातावरण है। किसी को सहसा विश्वास ही नहीं हो रहा है कि मोनिका अब उनके बीच नहीं हैं। छत्तीसगढ़ी फिल्मों के सुपरस्टार अनुज शर्मा से लेकर प्रियंका शुक्ला तक, तमाम लोगों ने हर मुमकिन कोशिश की लेकिन व्यवस्थाओं के आगे उन्हें भी घुटने टेकने पड़े। सही समय पर सरकारी मदद भी नहीं मिल पाई , इस बात का भी हमेशा मलाल रहेगा। लोग अचरज में है कि इतनी कम उम्र में छरहरी मोनिका खुरसेल को आखिर ब्रेन स्ट्रोक कैसे हो गया और तमाम मेडिकल फैसिलिटी के बावजूद आखिर उसकी जान क्यों नहीं बचाई जा सकी ?
गुरुवार दोपहर तोरवा मुक्तिधाम में मोनिका का अंतिम संस्कार किया गया । इस अवसर पर बड़ी संख्या में परिवार के सदस्य ,परिचित और कला जगत के लोग शामिल थे।
