

बिलासपुर के भाजपा नेता और रेलवे क्षेत्र के पूर्व पार्षद वी रामा राव को प्रदेश में बड़ी जिम्मेदारी मिली है। बुधवार को कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में संभाग , जिला और विधानसभा प्रभारियों की बैठक हुई, जहां मिशन 2023 को लेकर भाजपा ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, संगठन महामंत्री पवन साय मौजूद रहे। प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने स्पष्ट रूप से कहा कि आप चाहे बैठकर करें, चाहे किसी से मिले या कोई भी कार्य करें, लक्ष्य केवल जीतना ही होना चाहिए। उन्होंने एक-एक वोट के लिए मेहनत करने की बात दोहराई।
प्रदेश में 15 साल शासन में रहने के बाद सत्ता से बाहर हुई भाजपा तमाम बदलाव कर रही है, ताकि वापसी सुनिश्चित हो सके। प्रदेश अध्यक्ष, प्रभारी और नेता प्रतिपक्ष बदले जाने के बाद 13 नए जिला अध्यक्ष भी बनाए गए है, वहीं संगठन में और भी बड़े बदलाव लगातार किए जा रहे हैं। इसी क्रम में बिलासपुर के भाजपा नेता और पूर्व पार्षद वी रामा राव को विधानसभा प्रभारी बनाया जा रहा है, हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि उन्हें किस जिले का प्रभार मिल रहा है ।

इस बैठक में सभी प्रभारियों को दो टूक कहा गया कि संगठन के कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी । शक्ति केंद्रों को मजबूत बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने की बात कही गयी है। जिन शक्ति केंद्रों में प्रभारी के कार्यों में लापरवाही दिख रही है उन्हें तत्काल बदलकर सक्रिय और जिम्मेदार पदाधिकारी को केंद्र का जिम्मा सौंपने की बात कही गई है। सभी नेताओं पदाधिकारियों को अपने कार्यों को और अधिक चुस्त-दुरुस्त ढंग से करने एवं कसावट लाने के स्पष्ट निर्देश दिए गए है।

भाजपा न केवल चुनावी मोड में आ चुकी है बल्कि 2023 जीतने के लिए पूरी तरह कमर कसती भी नजर आ रही है। इस बैठक में जिला, संभाग और विधानसभा प्रभारियों से कहा गया कि शक्ति केंद्रों में हर सप्ताह प्रवास करें, साथ ही एक दिन में हर शक्ति केंद्रों पर रात्रि विश्राम करने को भी कहा गया है, ताकि शक्ति केंद्रों के अंतर्गत आने वाले बूथों में कहां-कहां खामियां है, उसे पहचान कर सुधारा जाए । भारतीय जनता पार्टी बूथ सशक्तिकरण पर पूरा जोर दे रही है। केंद्र सरकार की योजनाओं को लाभार्थियों तक पहुंचाने, उनसे लगातार संपर्क करने , विधानसभा में प्रवास करने, सभी के कार्यों की समीक्षा, हर विधानसभा की माइक्रोमैनेजमेंट को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई। बूथ और शक्ति केंद्र के लोगों से सीधा संपर्क कर हर कार्य को तय समय सीमा में पूरा करने की बात कही गई है। बैठक में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि जो लोग काम नहीं कर रहे हैं उन्हें तत्काल बदला जाए और काम करने वाले एवं परिणाम देने वाले पदाधिकारियों को अवसर दिया जाए। शायद यही कारण है कि वी रामा राव यह को बड़ा अवसर दिया गया है।
एक दौर था जब बिलासपुर रेलवे क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था। रामा राव ने इसमें ना सिर्फ सेंध लगाया बल्कि अपने दम पर वे रेलवे क्षेत्र के सभी सीटों से लगातार जीत दर्ज कराते रहे लेकिन आपसी खंदक से जब उन्हें टिकट नहीं दिया गया तो नतीजे एक बार फिर भाजपा के खिलाफ गए और रेलवे क्षेत्र के दोनों वार्ड कांग्रेस की झोली में चले गए। रामा राव चुनाव के कुशल रणनीतिकार माने जाते हैं । कार्यकर्ताओं पर मजबूत पकड़, मिलनसार स्वभाव और मतदाताओं की नब्ज की पहचान की वजह से उन्होंने बार-बार जीत दर्ज करा कर इसे साबित भी किया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि विधानसभा प्रभारी के तौर पर वे एक बार फिर उस कामयाबी को दोहराएंगे।
