पखांजूर से बिप्लब कुण्डू-
पखांजूर,,,
छत्तीसगढ़ प्रदेश की कांग्रेस सरकार बेहतर शिक्षा व शिक्षा हेतु विद्यालय भवन बनाने के लाख दावे कर लें, परंतु ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी शिक्षा की स्थिति काफी गम्भीर है, कहीं शिक्षकों की कमी तो कहीं स्कूल भवन का ही ना होना, कहीं ना कहीं यह स्थिति प्रदेश सरकार के सारे वादों को केवल काग़ज़ों तक सीमित रहने वाले वादे साबित कर रहे हैं। यह कहना है आम आदमी पार्टी के नेता व पूर्व विधानसभा प्रत्याशी संतराम सलाम का । सलाम ने आगे कहा कि यह अत्यधिक दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाइस वर्ष बीत जाने के पश्चात् भी आज चाहे वो बीजेपी की सरकार रही
हो या कांग्रेस, किसी भी सरकार ने बेहतर शिक्षा के लिए विद्यालय को बेहतर बनाने व शिक्षा के स्तर में सुधार लाने कभी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया और ना ही कभी इस संवेदनशील मुद्दे को गंभीरत से लिया, जिसका खामियाज आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यार्थी भुगत रहे हैं। सलाम ने कहा आज भी अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ही कई गांव ऐसे हैं जहां स्कूल भवन तक नहीं हैं, मजबूरी में टीना- टप्पर, झिल्लीनुमा झोपड़ी या ग्रामीणों द्वारा निर्मित अस्थायी सेड में पढ़ाया जाता हैं, स्कूल भवन नहीं होने से गुणवत्ता युक्त शिक्षा की कल्पना करना भी बेमानी है। अंत में संत सलाम ने कहा कि अब आम आदमी पार्टी क्षेत्र में स्कूल भवन विहीन गावों के ग्रामीणों के साथ आरपार की लड़ाई लड़ने के मूड में पूर्णत: है।इस स्थिति में आप के नेताओं द्वारा अब ग्रामीणो के साथ मिलकर अंतागढ़ से जिला मुख्यालय कांकेर तक पदयात्रा कर भवन विहीन स्कूलों की सूची जिला मुख्यालय में देकर स्कूल भवन की मांग करने की बात कही जा रही है।
वहीं पूर्व जिलाध्यक्ष परवेज खान ने बताया कि आदिवासी ग्रामीण अंचल में स्कूल की माँग को लेकर पिछले साल अंतागढ़ में विधायक कार्यालय का घेराव भी किया गया था, लेकिन आज तक न ही प्रशासन जागा और न ही सरकार के कानों में जूं रेंगा।एक बात तो स्पष्ट है कि कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर जरा भी गम्भीर नही है, ये लोग हमारे बच्चों को अशिक्षित रख कर अपना वोट बैंक बरकार रखना न चाहते हैं। पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि अब लोग शिक्षा के प्रति न जागरूक हो चुके हैं और वे कांग्रेस की मंशा को अच्छी तरह से समझने भी लगे हैं, इसलिए अब वे संगठित होकर अपनी मांग को मनवाने सड़क की लड़ाई लड़ने को तैयारी हैं। बता दें इसी तारतम्य में में क्षेत्र के ग्रामीण शिक्षा व अन्य मूलभुत समस्याओं को लेकर 12 ऑक्टोबर को अंतागढ़ से जिला मुख्यालय तक पदयात्रा करेंगे।
वही पूर्व अंतागढ़ विधानसभा अध्यक्ष ऋषिकेश मजूमदार ने भी वही बात को दोहराया कि कहा कि अब लोग शिक्षा के प्रति न जागरूक हो चुके हैं और वे कांग्रेस और भाजपा की मंशा को अच्छी तरह से समझने भी लगे हैं, इसलिए अब वे संगठित होकर अपनी मांग को मनवाने सड़क की लड़ाई लड़ने को तैयारी हैं,और इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी के आने के बाद क्षेत्र के साथ-साथ विधानसभा के समस्या को समस्याविहीन करने की बात कहा।