आकाश दत्त मिश्रा
अपहरण के कई मामले पूरी तरह झूठे और मनगढ़ंत होते हैं। ऐसे ही एक मामले के चलते छात्र ने पुलिस को खासा परेशान किया। कोरबा जिले के तिलकेजा गांव में रहने वाला 15 वर्षीय अजय यादव आठवीं कक्षा का छात्र है। उसकी स्कूल में परीक्षा चल रही है। वह सुबह 9:30 बजे अपने घर से स्कूल जाने निकला और करीब 10:30 बजे स्कूल पहुंचा। घबराए हाल में स्कूल पहुंचते ही उसने प्रिंसिपल एल के श्रीवास्तव से मुलाकात की उन्हें बताया कि जब वह स्कूल आने के लिए निकला था तो बाइक सवार दो लोगों ने चाकू की नोक पर उसका अपहरण कर लिया था ।
यह सुनते ही प्रिंसिपल भी घबरा गए, उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दे दी । पुलिस को भी अजय ने वही कहानी सुनायी लेकिन उसकी गतिविधि संदिग्ध लग रही थी इसलिए पुलिस ने उसकी कहानी पर यकीन नहीं किया और सख्ती से पूछताछ की तो छात्र ने बताया कि चूंकि उसने ठीक से पढ़ाई नहीं की थी और वह परीक्षा देना नहीं चाहता था इसलिए उसने यह मनगढ़ंत कहानी बना ली।
अजय इतना शातिर था कि उसने इसकी पूरी पटकथा लिखी। रास्ते में दो बाइक सवार लोगों को रोककर लिफ्ट लिया और जानबूझकर दोनों के बीच बैठ गया ताकि लगे कि उसका अपहरण हुआ है
उन्हें गलत पता बताकर स्कूल की तरफ ना ले जाकर किसी और ले गया ,क्योंकि वो लोग गांव के नहीं थे इसलिए उन्हें कुछ पता नहीं था । बाद में वे अजय को छोड़ कर चले गए। सिर्फ परीक्षा नहीं देने के इरादे से अजय ने जिस शातिर तरीके से पूरी कहानी बनायी वह हैरान करने वाली है। अच्छी बात तो यह है कि पुलिस ने सच का पता लगा लिया, नहीं तो दो निर्दोष बेवजह जेल की चक्की पीसते। इस घटना ने यह भी सिखाया कि किसी अनजान को लिफ्ट देना इतना खतरनाक साबित हो सकता है। लेकिन पुलिस अजय का भविष्य खराब नहीं करना चाहती थी इसलिए उसे समझाइश देकर छोड़ दिया । यह भी पता चला कि अजय पिछले 12 दिनों से स्कूल नहीं जा रहा था हालांकि वह घर से स्कूल जाने रोज निकलता था।