
यूनुस मेमन

टोनही प्रताड़ना छत्तीसगढ़ में एक बड़ी सामाजिक बुराई है। कड़े कानून के बावजूद आज भी ग्रामीणों के मन से या अंधविश्वास दूर होने का नाम नहीं ले रहा। हालांकि पहले की तुलना में ऐसे मामलों में कमी आई है , लेकिन गाहे-बगाहे ऐसे मामले सामने आकर इंसानियत को शर्मसार करते हैं। सीपत थाना क्षेत्र में भी ऐसा ही एक मामला दर्ज किया गया। टोनही प्रताड़ना के आरोप में दो महिला और एक पुरुष गिरफ्तार किए गए। विडंबना है कि महिलाएं ही किसी और महिला को पर यह मिथ्या आरोप लगाकर उसका जीवन नर्क बना रही थी।
गांव में अंधविश्वास या फिर संपत्ति हड़पने के नाम पर मजबूर महिलाओं को अक्सर इसका शिकार बनाया जाता है। सीपत थाना क्षेत्र के ग्राम बंगला भाठा निरतु में रहने वाली महिला पर उसके पड़ोसियों को टोनही होने का संदेह था, जिसे लेकर अक्सर झगड़ा होता रहा है । गांव की ही उर्मिला उइके, कीर्तिन बाई और नंद कुमार द्वारा बार-बार महिला को टोनही कह कर उसे गाली गलौज और प्रताड़ित किया जाता था। उसे बार-बार यह धमकी दी जाती थी कि बैगा बुलाकर उसकी असलियत सामने लाई जाएगी।
28 अगस्त की रात जब महिला अपने घर पर सो रही थी तो रात 2 बजे नंदकुमार उसके कमरे में आकर ताका झांकी करने लगा उसे ऐसा करते महिला की सास ने देख लिया , जिसने जब सवाल किया तो नंद कुमार ने बड़ी बेशर्मी से कहा कि उसकी बहू रात में झुपा रही है कि नहीं यह देखने आया था।
जब पानी सर से ऊपर जाने लगा तो फिर महिला ने इसकी शिकायत थाने में कर दी। पुलिस ने संवेदनशील मामले में जांच पड़ताल की और फिर मामले को सही पाने पर नंदकुमार उइके, कीर्तन बाई उइके और उर्मिला उइके को टोनही प्रताड़ना अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया।
