ओरछा के पीड़ित बच्चो से मिलने विधायक अनूप नाग पहुचे पखांजुर सिविल अस्पताल,,,

पखांजुर से बिप्लब कुण्डू–1.9.22

पाखंजुर@–
आज सिविल अस्पताल पखांजूर में क्षेत्रीय विधायक अनूप नाग ने उल्टी दस्त के बाद अस्पताल में भर्ती ओरछा छात्रावास के 14 बच्चों से मुलाकात कर सभी से उनका हाल चाल जाना और सभी बच्चो को फल वितरित कर उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना किए , विधायक अनूप नाग ने काफी देर तक अस्पताल में पीड़ित बच्चो के बिच अपना वक्त बिताया । विधायक को अपने बीच पाकर बच्चे भी हर्षित एवं उत्साहित नजर आए । बच्चो ने भी दिल खोलकर विधायक नाग से बाते की और अपने पढ़ाई एवं खेल कूद के बारे में भी जानकारी दी। इसके पश्चात विधायक नाग ने अस्पताल के चिकित्सकों के संग बच्चो के स्वास्थ्य की जानकारी ली उन्होंने डॉक्टर एवं स्टाफ को बच्चों की अच्छी देखभाल और अच्छी तरह से मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए । बता दे परलकोट क्षेत्र के ओरछा छात्रावास के 14 बच्चे भोजन के बाद पेट दर्द और उल्टी के कारण चार दिनों के बीमार थे बच्चो की तबीयत बिगड़ता होस्टल के अधीक्षक ने पखांजूर सिविल अस्पताल में एडमिट कर उपचार कर रहा था , जिसकी खबर सबसे पहले दैनिक अखबार,एवं सोशल मीडिया में आया साथ मे सबसे पहले प्रकाशित भी किया था , जिसके बाद शासन प्रशासन हरकत में आई और आज कांकेर कलेक्टर डॉ प्रियंका शुक्ला के निर्देश से जिले से सहायक आयुक्त , आदिवाशी विकास , फूड सेफ्टी ऑफिसर , मुख्य चिकित्सा अधिकारी की जाँच टीम आज ओरछा के आदिमजाति कल्याण विभाग के छात्रवास का दौरा किया जिसके बाद जाँच टीम ने छात्रवास में रखे चावल , दाल , सब्जी आदि की सेंपल को जांच के लिए भेज दिए ।
विधायक बोले कोई दोषी मिला तो होगी कड़ी कार्रवाई :-
अस्पताल से निकलने के बाद विधायक नाग मीडिया से भी रूबरू हुए मिडिया द्वारा 14 बच्चों के साथ एक साथ घटित बीमारी के बारे में पूछे जाने पर बताया की बच्चो का यह मामला बेहद ही संवेदनशील है अभी इस मामले की जांच चल रही है की वास्तव में आखिर ऐसा क्यों हुआ । उन्होंने आगे बताया की मैने स्थानीय प्रशासन सहित जिला प्रशासन को भी उक्त मामले की जांच के निर्देश दिए है और मैने शिक्षा विभाग के आयुक्त को भी इस मामले की गंभीरता को समझते हुए उचित कार्यवाही के लिए निर्देशित किया है मीडिया द्वारा पूछे जाने पर विधायक ने कहा की यदि उक्त मामले में किसी भी प्रकार से कोई भी दोषी पाया जाता है तो उस पर त्वरित कार्यवाही की जायेगी,साथ ही विधायक ने कहा कि ऊपर वाला के दया से बच्चो की स्थिति अभी सामान्य है जल्द ही बच्चे पूरी तरह स्वास्थ हो जाएंगे।

आश्रम अधिक्षक ओरछा गांव के कमल मंडावी रहता है किराये के मकान में–
आप जानकर हैरान होंगे कि नियम अनुसार आश्रम अधिक्षक को हमेशा बच्चो के साथ आश्रम में रहना होता है,पर जनाब कमल मंडावी ओरछा गांव में किराया का मकान लेकर रहता है दिन भर में एक आध घंटा के लिए आश्रम में उनका दर्शन होता है।विगत कुछ दिन पूर्व मीडिया के टीम आश्रम पहुचा तो नाम नही आने के बात कहकर वहा के लोग बोला कि अधीक्षक तो आश्रम आते नही कभी कभार दिखते है।तो जब मीडिया वालों ने उनको फोन लगया तो आता हूं कहकर घंटा बिता दिया पर आये नही जब मीडिया के टीम वापस आने लगे तो देखा गया कि इरपनार बाजार में पान ठेले मे बैठकर मोबाइल पर व्यस्त है,तब जब उनसे पूछा कि आप तो आश्रम में रहते नही किराये के मकान में रहते हो तो बच्चो का देख भाल कौन करता,इस बात को सुनते ही गुस्से में आकर बोले छाप दो पेपर में मेरे ट्रांसफर करवा दो मुझे कुछ आता जाता नही।यदि अधिक्षक का रबैया ऐसा रहा तो वहा के बच्चो बीमार तो पड़ेगा ही।आश्रम के चपरासी के भोरोशे बच्चो छोड़ दिया करता है कमल मंडावी आश्रम अधिक्षक।अधीक्षक के संबंध जांच किया जावे तो दूध का दूध पानी के पानी सामने आ जायेगा।ये पूरा मामला अधिक्षक के लापरवाही के चलते हुई है।

अंतिम छोड़ में बसे ओरछा गांव जिसका मोनिटरिंग उच्च अधिकारी द्वारा नही की जाती::–

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