यूनुस मेमन
बिलासपुर जिले के सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल खुटाघाट में लगने वाले चतुर्थी मेले में इस बार भी हजारों की संख्या में ग्रामीण पहुंचे। हरतालिका तीज के अगले दिन गणेश चतुर्थी पर यहां पारंपरिक मेला भरता है। ग्रामीण अंदाज में लगने वाले इस मेले में सैकड़ों दुकानें लगते हैं। झूले, ठेलें और तरह-तरह की दुकानों में खरीदारी करने के साथ सैर सपाटे के लिए यहां दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। इस दौरान यहां आस-पास के ग्रामीण पिकनिक का भी खूब आनंद उठाते देखे गए। कोरोना का प्रभाव कम होने की वजह से इस बार करीब 2 साल बाद मेले मैं खास रौनक नजर आई। बड़ी संख्या में लोगों और वाहनों के पहुंचने से रतनपुर -खुटाघाट मार्ग पर जाम भी लगा रहा।
लोगों की संख्या इतनी थी कि पूरे बांध परिसर में चलने की जगह तक नहीं बची थी। इस अवसर पर यहां तरह-तरह की दुकानें भी लगी, जिसमें जरूरी सामानों के साथ खाने पीने के सामानों की जमकर खरीदारी की गई । मान्यता है हरतालिका तीज के लंबे निर्जला उपवास के बाद यहां जलाशय में विसर्जन करने और फिर वनभोज करने के लिए लोग आते हैं। धीरे-धीरे इस परंपरा ने मेले का आकार ले लिया। इस मेले का कोई ऐतिहासिक वर्णन तो नहीं मिलता लेकिन आसपास के ग्रामीणों के साथ कोरबा और बिलासपुर जिले में भी यह मेला खूब प्रसिद्ध है । इसे लेकर लोगों का उत्साह इस बार भी नजर आया। वर्तमान में खुटाघाट जलाशय लबालब है, साथ ही उलट चालू होने से भी पर्यटक की खुशी दुगनी हो गई। भारी संख्या में लोगों के पहुंचने की वजह से सुरक्षा के मद्देनजर खुटाघाट बांध के आसपास रतनपुर पुलिस भी तैनात रही।