
आलोक मित्तल

आज भी यह धारणा लोगों में आम बनी हुई है कि कैंसर का मतलब मौत की प्रतीक्षा और जीवन के अंत का संकेत है। लेकिन आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने इस धारणा को नेस्तनाबूद किया है। अगर समय पर कैंसर के मरीज चिकित्सक के पास पहुंच जाए, तो न केवल कैंसर को मात देना संभव है , बल्कि कैंसर को हराकर सामान्य से भी बेहतर जिंदगी मुमकिन है। इस बात को सिद्ध करने वाले कैंसर सरवाइवर से एक मुलाकात का आयोजन अपोलो बिलासपुर द्वारा गुरुवार को किया गया। अंचल के 15 कैंसर हॉस्पिटल से संपर्क कर ऐसे मरीजों की जानकारी जुटाई गई जिन्होंने ब्रेस्ट, मुंह, पेट और अन्य अंग में होने वाले कैंसर से जूझते हुए न केवल कैंसर को परास्त किया बल्कि अब सभी बेहतर जिंदगी गुजारते हुए उपलब्धियां भी अर्जित कर रहे है।
इन्हीं में से एक प्रियंका शुक्ला भी है। नवंबर 2016 को जब उन्हें पता चला कि उन्हें कैंसर है तो पैरों तले धरती खिसक गई । लगा जिंदगी का अंत करीब आ गया है, लेकिन फिर ऑपरेशन और लंबे इलाज से उन्होंने कैंसर को परास्त कर दिया। इसके बाद प्रियंका ने वह किया जिसकी कल्पना तो उन्होंने कैंसर होने से पहले भी कभी नहीं की थी।

20 मई को देहरादून में कैंसर सरवाइवर के लिए आयोजित पिक टू पिक विनिंग आवर कैंसर ट्रैकिंग का वह हिस्सा बनी। यहां उनकी ही तरह के और भी सर्वाइवर पहुंचे थे। पहले लोगों को लगता है कि अगर कैंसर से मरीज ठीक भी हो जाए तो वह दोयम दर्जे की जिंदगी जीता होगा। लेकिन 12000 फीट की ऊंचाई फतेह कर प्रियंका ने सिद्ध कर दिया कि कैंसर से जीत के बाद दुनिया में कुछ भी नामुमकिन नहीं है । कभी मौत को ही अपनी नियति मारने वाली प्रियंका में अब एक नया उत्साह और जज्बा जाग उठा है। इस ट्रैकिंग के बाद उनमें जीने की तमन्ना जाग उठी है। इसी तरह के अनुभव यहां मौजूद अन्य सर्वाइवर ने भी साझा किया। अपोलो बिलासपुर के कैंसर विशेषज्ञ चिकित्सक डॉक्टर अमित वर्मा ने कहा कि कैंसर का पता चलते ही मरीज को तुरंत किसी अच्छे कैंसर हॉस्पिटल पहुंचना चाहिए। अगर ऐसा किया जाता है तो फिर कैंसर जानलेवा नहीं है । आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में कैंसर का सफल इलाज संभव है । इस मौके पर कैंसर को पराजित कर विजेता बनकर उभरे कैंसर सरवाइवर, अपोलो के चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद थे जिन्होंने उम्मीद जताई कि कैंसर अब मौत की दस्तक नहीं होगी।
