आकाश दत्त मिश्रा
परिसीमन के बाद कई कई इलाके बिलासपुर नगर निगम सीमा क्षेत्र में शामिल हो चुके हैं। इसी के साथ यहां एक नई मुसीबत भी आ गई है। इससे पहले ग्राम पंचायत होने के कारण इन इलाकों में मकान बनाने से पहले लोग सचिव और सरपंच से नक्शा पास करा कर मकान निर्माण करते थे। और नगर निगम सीमा क्षेत्र में शामिल होने के बाद भी यह गोरखधंधा निरंतर जारी है। असल में नगर निगम भवन शाखा द्वारा मकान बनाने के लिए नक्शा पास करने के मापदंड इतने कड़े हैं कि यहां आसानी से किसी का भी नक्शा पास नहीं होता। यही कारण है कि लोग पिछले दरवाजे से अपना काम कराना चाहते हैं ।
इसी वजह से अब भी इन क्षेत्रों में लोग पुराने सरपंच और सचिव की मुट्ठी गर्म कर उनसे मकान का नक्शा पास करा रहे हैं और गैर कानूनी ढंग से सचिव और सरपंच बैक डेट में पर्ची काटकर यह काम कर रहे हैं। बिलासपुर नगर निगम सीमा क्षेत्र में शामिल ग्राम पंचायतों में निर्माणाधीन मकानों के नक्शे के संबंध में अब नगर निगम द्वारा लगातार नोटिस जारी किया जा रहा है। राजकिशोर नगर क्षेत्र के जोन क्रमांक 7 के जोन कमिश्नर राजकुमार मिश्रा कह रहे हैं कि उनके क्षेत्र में जारी निर्माणाधीन मकान के स्वामियों को लगातार नोटिस जारी किया जा रहा है। हैरानी इस बात की है कि अब भी यहां पुराने नक्शे के आधार पर ही निर्माण किया जा रहा है और गिनती के भी नक्शा पास कराने के मामले निगम में नहीं आ रहे है। जब हमने इसकी पड़ताल की तो चौंकाने वाले मामले सामने आए। लोग नियम कानून को ठेंगा दिखाकर अब भी सरपंच से ही नक्शा पास करा रहे हैं । पुराने दस्तावेज और बिल बुक के आधार पर सरपंच बैक डेट में जाकर इस तरह की गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं । निजी मकानों के लिए 35,000 रु तक के लिए जा रहे हैं तो वही कमर्शियल कंस्ट्रक्शन के लिए तो यह रकम लाखों में है, निजी निर्माण के लिए ही लोगों से नक्शा पास करने हेतु भले ही 35000 रु लिए जा रहे हैं लेकिन उन्हें बिल 2500 से 3500 की ही दी जा रही है
यह भी स्पष्ट है कि जब निगम के चुनाव हो चुके हैं और यहां से पार्षद चुन लिए गए हैं तो ऐसे में सरपंच के पास मौजूद पुराने बिल बुक के आधार पर पास नक्शा की राशि भी सरकारी खजाने में जमा नहीं हो रही होगी। यानी पूरी तरह से यहां गोरखधंधा किया जा रहा है। उस पर लोगों की शिकायत है कि नगर निगम उन्हें नोटिस क्यों भेज रहा है। मोपका क्षेत्र के रमेश सिंह आरोप लगाते हुए कहते हैं कि उनके मकान निर्माण के लिए नगर निगम ने उन्हें नोटिस जारी किया है जबकि मोपका चिल्हाटी तिराहे पर ग्लोरियस सिटी का निर्माण धड़ल्ले से किया जा रहा है । यहां बिल्डर बिना रेरा और टाउन प्लानिंग के ही मकान बनाकर बेच रहा है। इसके लिए सरपंच द्वारा जारी नक्शे को आधार बनाया जा रहा है । लेकिन रसूखदार बिल्डर की ओर से नगर निगम के अधिकारी भी आंखें मूंदे बैठे हैं। सामान्य लोगों को नोटिस भेजकर नियमों का हवाला दिया जा रहा है। तो वहीं बड़े बिल्डरों को संरक्षण हासिल है। इस मामले में एक तरफ जहां स्थानीय लोग झंझट से बचने नियमों की परवाह न कर बैक डेट में सरपंच से ही नक्शा पास करा रहे हैं तो वही कुछ पूर्व सरपंच ऐसा कर बड़े वित्तीय घोटाले को अंजाम दे रहे हैं, जिनके खिलाफ जांच की आवश्यकता है। साफ है इस तरह से नगर निगम को चूना लगाया जा रहा है। वह लोग जो चुनाव हार चुके हैं, उनकी दुकान अब भी चल रही है। पुराने बिल बुक , सील, मोहर के जरिए यह गोरखधंधा जारी है। अगर आप केवल राजकिशोर नगर मोपका क्षेत्र की ही बात करें तो यहां सैकड़ों की संख्या में मकानो का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें से शायद ही किसी ने नगर निगम से नक्शा पास कराया है। हाल ही में जहां कंस्ट्रक्शन आरंभ हुआ है उसकी कहानी भी अलग नहीं है। जो यह बताने को काफी है यहां नक्शा पास कराने के मामले में बड़ी गड़बड़ी की जा रही है, जो जांच से ही उजागर होगी। इस हमाम में सभी नंगे है लेकिन खुद का बचाव करने आरोप-प्रत्यारोप लगाकर अपनी गर्दन बचाने की कोशिश हो रही है । वही क्षेत्र के कई नागरिक यह सोचकर भी चिंतित है कि उन्होंने भी पूर्व में सरपंच सचिव से ही जारी नक्शे के आधार पर मकान का निर्माण किया है, अब उनका क्या होगा ? इसलिए नगर निगम को भी इस संबंध में स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करने होंगे। साथ ही साथ यह जांच भी करना होगा कि कौन-कौन लोग इस गोरखधंधे में शामिल है और कहां-कहां पुराने नक्शे के आधार पर निर्माण कार्य जारी है । इसके बाद नियमानुसार कार्यवाही की आवश्यकता होगी ।अगर इस मामले में जांच की जाए तो यकीनन कई बड़ी मछलियां फंसेगी और एक बहुत बड़ा घोटाला उजागर होगा। वैसे इन दिनों नगर निगम द्वारा सभी निर्माणाधीन कंस्ट्रक्शन को लगातार नोटिस जारी कर 3 दिन का वक्त दिया जा रहा है। 3 दिनो में उन्हें सभी दस्तावेज नगर निगम अधिकारी के सामने पेश करने हैं अन्यथा फिर उनके निर्माण ढहा देने की चेतावनी दी गई है। इससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप की स्थिति है।