फर्जी दस्तावेजों के सहारे जमीन बेचने का झांसा देकर लाखों रुपए ठगी करने वाले ठग गिरोह का मास्टरमाइंड पकड़ाया

मो नासीर

उत्तर प्रदेश में मौके की जमीन बेचने का लालच दिखाकर ठगों ने 43 लाख रुपए ठग लिए ।जरहाभाटा में रहने वाले संतु बंजारे की मुलाकात दो-तीन महीने पूर्व बेमेतरा के महेंद्र बंजारे से हुई थी , जिसने बातों ही बातों में सहारनपुर उत्तर प्रदेश में एक बढ़िया जमीन होने की जानकारी दी थी ।जब संतु ने इस जमीन को खरीदने पर सहमति जताई तो महेंद्र बंजारे ने उत्तर प्रदेश से नौशाद खान और वसीम खान को बिलासपुर बुलाया जिसका परिचय जमीन दलाल के रूप में कराया गया।  इन लोगों की मौजूदगी में संतु बंजारे ने 43 लाख रुपए देकर 135 बीघा जमीन खरीदने का अनुबंध कर लिया,  लेकिन इसके बाद जमीन की रजिस्ट्री में आनाकानी की जाने लगी । यहां तक कि जब संतू बंजारे ने जमीन दिखाने को कहा तो भी उन्हें गोलमोल जवाब दिया जाने लगा।  खुद के ठगे जाने का एहसास होने के बाद संतु बंजारे ने मामले की शिकायत सिविल लाइन थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस तब से ठगों की तलाश में थी।

इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी झनेंद्र महिला अपने उत्तराखंड में रहने वाले साथी मोहम्मद आजाद के साथ कुछ फर्जी दस्तावेज लेकर फिर किसी को ठगने की इरादे से जरहा भाटा के एक किराए के मकान में ठहरा हुआ है। इसकी भनक लगते ही पुलिस ने शैलेंद्र अपार्टमेंट जरहाभाटा ओम नगर में दबिश देकर झनेंद्र महिलांग को हिरासत में ले लिया ।जहां महेंद्र बंजारे और गोरेलाल बंजारे भी मौजूद मिले। सभी को थाने में लाकर पूछताछ की गई तो खुलासा हुआ कि पूरे मामले का मास्टरमाइंड धनेंद्र महिलांग ही था। जिसमें उसने अपने साथियों के साथ मिलकर संतु बंजारे से ₹43 लाख की ठगी की थी। इस षड्यंत्र में झनेंद्र महिलांग के अलावा गोरेलाल, महेंद्र बंजारे नौशाद खान, वसीम खान भी शामिल थे। फिलहाल ठगी के इस मामले में पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जांच के दौरान पता चला की सहारनपुर की एक जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर यह सभी लोगों को ठगा करते थे। इन्हीं लोगों ने अपना  शिकार मस्तूरी निवासी गोपेश्वर साहू को भी बनाया था।

इन लोगों ने मस्तूरी निवासी गोपेश्वर साहू के नाम से फर्जी अनुबंध पत्र बनाया था जिसकी भनक तक गोपेश्वर नाथ साहू को नहीं थी। यानी पूरी तरह फर्जी दस्तावेज बनाकर यह लोग शिकार को अपने जाल में फंसाया करते थे। इस मामले में पुलिस ने फिलहाल झनेंद्र महिलांग, मोहम्मद आजाद ,महेंद्र बंजारे और गोरेलाल जांगड़े को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मामले के सहअभियुक्त नौशाद खान, वसीम खान,  सखाराम दोण्डे और इकबाल उर्फ बाला अभी पुलिस की पहुंच से बाहर है। यह सभी आरोपी शिकार को फसाने के लिए किसी और के दस्तावेज, फोटो और आधार कार्ड का दुरुपयोग कर रहे थे। यह लोग किसी और शिकार की तलाश में थे लेकिन इससे पहले ही धर दबोचे गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!