संभाग के सबसे बड़े हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज सिम्स में पिछले 11 दिनों से एक मरीज दर्द से तड़प रही है और उसकी शिकायत है कि उसका इलाज करने की बात तो दूर उसे देखने उसके पास कोई डॉक्टर फटक तक नहीं रहा है।  चिंगराजपारा, भारत चौक में रहने वाली 21 वर्षीय किरण वर्मा छोटा-मोटा कार्य कर अपने परिवार का भरण पोषण करती है। उसे फिशचुला यानी भगंदर की समस्या है, जिसके निदान के लिए कुछ साल पहले उसका ऑपरेशन कर उसके मलद्वार को पेट के पास से निकाला गया था। लेकिन पिछले कुछ दिनों से इसमें समस्या आने के बाद वह तेज दर्द से परेशान है। इसलिए इस वैकल्पिक मलद्वार को पुनः सामान्य मलद्वार से जोड़ने के लिए एक मामूली ऑपरेशन के लिए वह सिम्स के फीमेल सर्जिकल वार्ड में भर्ती हुई । 9 मार्च से वह बेड नंबर 7 पर पड़ी दिन भर कराहती रहती है। किरण वर्मा बता रही है कि उसे देखने कोई डॉक्टर नहीं आता।  वह ऑपरेशन की गुहार लगा रही है लेकिन पिछले 11 दिनों में  उसकी कोई सुनने वाला नहीं है। घर की माली हालत खराब है। कोई रसूख ना होने से सिम्स में उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस बीच तेज दर्द से वह दिन भर कर चीख पुकार  करती रहती है, लेकिन फिर भी उसे नजरअंदाज किया जा रहा है। इतने दिनों में यहां उसका कोई इलाज नहीं हुआ है। किरण वर्मा आशंकित है कि अगर यही स्थिति रही तो उसके प्राण जा सकते हैं और ऐसे में उसके सहारे रहने वाले परिवार की क्या दशा होगी यह सोचकर भी वह कांप जाती है।

 बेहतर स्वास्थ सुविधा के दावे के उलट सिम्स में इस तरह की लापरवाही हैरान करने वाली है। ना तो किरण वर्मा का यहां इलाज किया जा रहा है और ना ही उसे इलाज के लिए कहीं और भेजने की व्यवस्था की जा रही है। नाम ना छापने की शर्त पर कर्मचारियों का कहना है कि होली के चलते यहां इलाज प्रभावित हुआ है। किरण वर्मा का कहना है कि माना कि त्यौहार जरूरी है तो क्या किसी गरीब का जिंदा रहना इतना गैरजरूरी हो गया कि उसे यू मरने के लिए तड़पता छोड़ दिया जाए ??

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