पूरे मामले में कंपनी की तरफ बरती गई उदासीनता,कमिश्नर ने अपनाया कड़ा रूख

कार्यालय में उपस्थित होकर पक्ष रखने के निर्देश, वर्ना होगी कार्रवाई

बिलासपुर-शहर के सड़कों की साफ-सफाई करने वाली कंपनी लायंस सर्विस लिमिटेड के मैनेजर और सफाई कर्मियों के बीच हुए विवाद में समय रहते हस्तक्षेप कर विवाद नहीं सुलझाने और गैर ज़िम्मेदार रवैय्या अपनाने पर कंपनी के संचालक को निगम कार्यालय में तलब किया गया है। पूरे मामले में उदासीनता बरतने पर कमिश्नर श्री अजय त्रिपाठी ने कड़ा रूख अपनाते हुए लायंस सर्विस लिमिटेड के संचालक को स्वयं आफिस उपस्थित होने के निर्देश दिए है.उदासीनता बरतने पर इसे गंभीर त्रुटी और लापरवाही मानते हुए अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए गए है अन्यथा कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए है।ज्ञात है की लायंस कम्पनी के मैनेजर एस.के.सिंह और सफाई कर्मियों के मध्य आपस में विवाद हो गया,जिसके बाद 7 फरवरी से कंपनी के सफाई कर्मी हड़ताल पर चले गए। सफाई कर्मियों के हड़ताल पर जाने से शहर की सफाई व्यवस्था प्रभावित हुई है। साथ ही आंदोलन के कारण शहर में कानून व्यवस्था भी प्रभावित हुई है। विवाद को सुलझाने जिला एवं निगम प्रशासन को द्वारा लगातार प्रयास करना पड़ा, महापौर श्री रामशरण यादव और कमिश्नर श्री अजय त्रिपाठी द्वारा समाधान के लिए लगातार प्रयास किया गया,जिसमें प्रशासन की टीम और एमआईसी सदस्यों को भी सफाई कर्मियों से चर्चा के लिए भेजा गया था। लेकिन कंपनी प्रबंधन और कर्मियों के बीच हुए विवाद को सुलझाने के लिए स्थानीय स्तर पर लायंस कंपनी द्वारा किसी भी प्रकार की कोई पहल नहीं की गई और ना ही कंपनी की तरफ से कोई शीर्ष अधिकारी पहुंचा,जबकि कंपनी प्रबंधन द्वारा त्वरित पहल करते हुए इस विवाद को समय रहते सुलझा लेना था । इस कृत्य को घोर लापरवाही मानते हुए निगम कमिश्नर श्री अजय त्रिपाठी ने लायंस सर्विस लिमिटेड के संचालक को स्वयं उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का निर्देश जारी किया है,अन्यथा कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी गई है। इस विवाद के कारण शहर की सफाई व्यवस्था प्रभावित हुआ है और नागरिकों को असुविधा का सामना करना पड़ा है.निगम प्रशासन ने इसे गंभीर मामला मानते हुए कंपनी प्रबंधन को हाज़िर होने का फरमान जारी किया है।

मैनेजर को हटाने पहले ही निर्देश जारी हो चुका है

इस पूरे मामले में कंपनी के मैनेजर एस.के.सिंह को हटाने दो दिन पूर्व ही कमिश्नर श्री त्रिपाठी ने निर्देश दे दिए है। इसके अलावा मामले की जांच के लिए अपर आयुक्त की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच टीम भी गठित कर दी गई है

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