गुप्त नवरात्रि की अष्टमी पर श्री पितांबरा पीठ में की गई विशेष पूजा अर्चना, आज कन्या पूजन


श्री पीताम्बरा पीठ सुभाष चौक सरकण्डा बिलासपुर छत्तीसगढ़ स्थित श्री पीताम्बरा पीठ ब्रम्हशक्ति बगलामुखी देवी मंदिर में माघ गुप्त नवरात्र महाष्टमी के पावन पर्व पर प्रातःकालीन देवाधिदेव महादेव का रूद्राभिषेक, श्री महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, राजराजेश्वरी, त्रिपुरसुंदरी देवी का श्रीसूक्त षोडश मंत्र द्वारा दूधधारियापूर्वक अभिषेक किया गया। 10 फरवरी 2021 महानंदा नवमी को कन्यापूजन एवं हवन, पूर्णाहुति के साथ नवरात्र विसर्जन किया जाएगा।गुप्त नवरात्र में दशमहाविद्याओं की साधना कर ऋषि विश्वामित्र अद्भुत शक्तियों के स्वामी बन गए। उनकी सिद्धियों की प्रबलता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने एक नई सृष्टि की रचना तक कर डाली थी । इसी तरह, लंकापति रावण के पुत्र मेघनाद ने अतुलनीय शक्तियां प्राप्त करने के लिए गुप्त नवरात्रों में साधना की थी शुक्राचार्य ने मेघनाद को परामर्श दिया था कि गुप्त नवरात्रों में अपनी कुलदेवी निकुम्बाला की साधना करके वह अजेय बनाने वाली शक्तियों का स्वामी बन सकता है…गुप्त नवरात्र दस महाविद्याओं की साधना की जाती है।दुर्गावरिवस्या’ नामक ग्रंथ में स्पष्ट लिखा है कि माघ में पड़ने वाले गुप्त नवरात्र मानव को न केवल आध्यात्मिक बल ही प्रदान करते हैं, बल्कि इन दिनों में संयम-नियम व श्रद्धा के साथ माता दुर्गा की उपासना करने वाले व्यक्ति को अनेक सुख व साम्राज्य भी प्राप्त होते हैं ‘शिवसंहिता’ के अनुसार ये नवरात्र भगवान शंकर और आदिशक्ति मां पार्वती की उपासना के लिए भी श्रेष्ठ हैं। गुप्त नवरात्रों के साधनाकाल में मां शक्ति का जप, तप, ध्यान करने से जीवन में आ रही सभी बाधाएं नष्ट होने लगती हैं।

माँ श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी की उपासना विशेष रूप से वाद-विवाद, शास्त्रार्थ ,मुकदमें में विजय प्राप्त करने के लिए, आकारण आप पर कोई अत्याचार कर रहा हो तो उसे रोकने,सबक सिखाने, असाध्य रोगों से छुटकारा पाने, बंधन मुक्त, संकट से उद्धार,उपद्रवो की शांति, ग्रह शांति, एवं संतान प्राप्ति के लिए विशेष फलदाई है।

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