पी.एस. मिश्रा ने संभाली एसईसीएल की कमान
गार्ड ऑफ ऑनर के साथ स्वागतोपरांत विभागाध्यक्षों एवं क्षेत्रीय महाप्रबंधको की ली बैठक

पी एस मिश्रा ने नए अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक के तौर पर एसईसीएल की कमान संभाली है। पहले दिन उन्होंने विभाग अध्यक्ष और महाप्रबंधको के साथ बैठक ली।


श्रमसंघ युनियन/एसोसिएशन, सीएमओएआई के प्रतिनिधियों, संचालन समिति, सुरक्षा समिति व कल्याण मंडल के सदस्यों ने की सौजन्य भेंट। 
देर शाम मेगा प्रोजेक्ट्स के निरीक्षण के लिए रवाना।

-ःः परिचय:ः-
अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक एसईसीएल श्री प्रेम सागर मिश्रा

आपने वर्ष 1987 में इंडियन स्कूल आॅफ माइन्स, धनबाद से बी.टेक. (खनन) की उपाधि प्राप्त की। आपने वेस्ट बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी आॅफ ज्यूडिशियल साईन्सेस से बिजनेस लाॅ में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा हासिल की है। आप ’’काॅरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी इनिशिएटिव्स का प्रभाव मूल्यांकन-भारत में कोयला खनन उद्योग के परिप्रेक्ष्य में केस स्टडी’’ शोध के विषय पर आईआईटी (आईएसएम) धनबाद से प्रबंधन अध्ययन में पीएचडी कर रहे हैं। आप लगभग साढ़े तीन वर्षों से अधिक समय तक कोलइण्डिया की अनुषंगी कम्पनी ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक रहे हैं।

श्री मिश्रा वर्ष 1987 में कोलइण्डिया की अनुषंगी कम्पनी एसईसीएल में शामिल हुए और सोलह वर्षों से अधिक समय तक इस कम्पनी की कई खानों में विभिन्न प्रबंधकीय क्षमताओं में कार्य किया है। आपने लगभग पाँच वर्षों तक सेन्ट्रल कोलफील्ड्स लिमिटैड की विभिन्न ओपन कास्ट खानों में उपमुख्य खनन अभियंता/परियोजना अधिकारी के रूप में कार्य किया है। जून 2008 में बीसीसीएल में पदस्थापना दौरान ब्लाॅक-।। क्षेत्र के महाप्रबंधक और बरौरा क्षेत्र के महाप्रबंधक के रूप में अपनी सेवाएँ दी हैं। नवंबर 2015 में श्री मिश्रा उड़ीसा मिनरल्स डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड के निदेशक (उत्पादन और योजना) के पद पर चयनित हुए।
आपने वर्ष 2014 में आईआईएम कोलकाता, सेंट गैलेन विश्वविद्यालय स्विट्जरलैंड और एसेक बिजनेस स्कूल पेरिस फ्रांस में आयोजित उन्नत प्रबंधन कार्यक्रम में भाग लिया है। आप विश्व खनन कांग्रेस 2011 में इस्तांबुल (तुर्की) में भाग लेने के लिए सीआईएल प्रतिनिधिमंडल के हिस्सा थे। आपने प्रशासनिक स्टाॅफ काॅलेज, हैदराबाद में प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम और एलबीएसएनएए मसूरी में आईआईसीएम द्वारा नामित उन्नत प्रबंधन कार्यक्रमों में भी भाग लिया है। आपने विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों, नेतृत्व, निर्णय लेने, परियोजना प्रबंधन और अन्य प्रबंधकीय और तकनीकी विषयों पर आयोजित कार्यशालाओं में भाग लिया है।

श्री प्रेम सागर मिश्रा राष्ट्रीय कार्मिक प्रबंधन संस्थान (एनआईपीएम), भारतीय सामग्री प्रबंधन संस्थान (आईआईएमएम), भारतीय खान प्रबंधक संघों (आईएमएमए), भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए), इण्डियन माईनिंग एण्ड इंजीनियरिंग फोरम (आईएमईएफ) और फेलो आफ इन्सटिट्यूट आफ इंजीनियर्स (एफआईई) के सक्रिय सदस्य भी हैं। आप वर्ष 2010 से 2014 तक आईएसएम छात्र संघ के महासचिव और वर्ष 2011 से 2015 तक एमजीएमआई धनबाद शाखा के महासचिव रहे। आपने विभिन्न स्तरों पर कई सम्मेलनों और संगोष्ठियों का सफलतापूर्वक आयोजन भी किया है।

कुशल नेतृत्व क्षमता के धनी श्री मिश्रा ने उत्पादन, सुरक्षा, लाभ, स्टाॅक परिसमापन, ओव्हरबर्डन रिमूवल और पारिस्थिकी बहाली के लिए कई पुरस्कार जीते हैं। आपने बीसीसीएल के बरोरा क्षेत्र में कोयला पर्यटन की अवधारणा को संकल्पित और कार्यान्वित किया है।
आपने वाद-विवाद, निबंध लेखन, एथलेटिक्स और अन्य कई पाठ्येत्तर गतिविधियों में पुरस्कार जीते हैं। आपको फरवरी 2019 में वल्र्ड एचआरडी कांग्रेस द्वारा प्रतिष्ठित ’’सीईओ विद एचआर ओरिएंटेशन’’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। जनवरी 2020 में इण्डियन माईन मैनेजर्स एसोसिएशन (आईएमएमए) द्वारा ’’एक्सीलेंस अवार्ड’’ दिया गया। ’’आर्थिक अध्ययन संस्थान’’ ने आपको मार्च 2020 में ’’लीडरशिप इनोवेशन एक्सीलेंस अवार्ड 2020 और उद्योग रत्न अवार्ड’’ जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा है।

आपने 28 जनवरी 2022 को एसईसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक का पदभार ग्रहण किया है।

एसईसीएल गतिविधियाँ

कर्मियों की पदोन्नति व इन्सेन्टिव स्कीम:-

नए वर्ष में कम्पनी ने लगभग 3 हजार से अधिक कर्मचारियों की पदोन्नति का आदेश जारी किया है। विभागीय चयन प्रक्रिया के जरिए भी कर्मचारियों के लिए बेहतर कैरियर संभावनाएँ प्रदान की जा रही हैं।
कर्मचारियों के लिए कम्पनी में इन्सेन्टिव योजना व स्पाट इन्सेन्टिव स्कीम संचालित हो रही है जिसके अंतर्गत बेहतर कार्यनिष्पादन करने वाले काॅलरी कर्मियों को लाभ दिया जा रहा है।

सोलर परियोजनाएँ:-
एसईसीएल सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी निवेश कर रही है। भटगांव एवं विश्रामपुर क्षेत्र के चिन्हित भूमि पर 40 मेगावाट परियोजना के स्थापना की दिशा में हम तेजी से काम कर रहे हैं तथा इस परियोजना हेतु लेटर आॅफ अवार्ड (एलओए) जारी कर दिया गया है। कम्पनी विभिन्न क्षेत्रों में 2 हजार किलोवाट क्षमता के रूफटाॅप सोलर पैनल के स्थापना के लिए भी अनुबंध फाईनल कर चुकी है। इन सबके अतिरिक्त ऊर्जा संरक्षण के लिहाज से परम्परागत बल्ब के स्थान पर 40 हजार एलईडी लाईट्स, 10 हजार से अधिक सुपर फैन, कम ऊर्जा खपत वाले 150 एसी, मोटर आदि क्रय किए जा रहे हैं तथा विभिन्न एरिया में चार्जिंग स्टेशन की सुविधा सहित इलेक्ट्रिक व्हीकल के उपयोग की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।

  • रेल काॅरीडोर*:-

कोल डिस्पैच के लिए तेजी से विकसित हो रही एसईसीएल की रेल काॅरीडोर परियोजनाएँ कंपनी व अंचल के लिए प्रगति के नए द्वार खोलेंगी। गत 15 नवंबर को छत्तीसगढ़ ईस्ट रेल लिमिटेड के घरघोड़ा फ्रेट टर्मिनल से पहला कोल रेक लोड किया गया। इसके अतिरिक्त कोरीछापर से धर्मजयगढ़ लाईन के बीच ’इंजन रोलिंग’ हो चुकी है तथा धर्मजयगढ़ को गुड्स शेड के रूप में अधिसूचित किया जा चुका है। इन सबसे निश्चय ही मांड-रायगढ़ कोलफील्ड्स से कोयले के डिस्पैच को रफ्तार मिलेगी।
सितम्बर 2022 तक इसी रेल काॅरीडोर के घरघोड़ा-पेल्मा स्पर ;ैचनतद्ध लाईन की कमिशनिंग अपेक्षित है, वहीं छाल और बरौद फीडर लाईन पर भी तेजी से काम हो रहा है। गेवरा-पेन्ड्रा रोड की 135 किलोमीटर लम्बी ईस्ट-वेस्ट रेल काॅरीडोर के विभिन्न सिविल कार्यों पर भी कार्य आरंभ हो चुका है।

सुरक्षा एवं बचाव:-
कंपनी अपने कामगार बन्धुओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। खनिक कामगारों को एससीएसआर (सेल्फ कंटेन्ड, सेल्फ रेस्क्युअर) किट, एलईडी कैप लैम्प की सुविधा प्रदान की गयी है। बड़ी खदानों में स्लोप स्टैबलिटी रडार की व्यवस्था शुरू की गयी है जो डम्प एवं ढलान की स्थिरता का निरंतर आँकलन करते रहते हैं। हम सभी का यह दायित्व है कि सुरक्षा मानकों का पूर्णरूपेण पालन करते हुए ही अपना कार्य सम्पादित करें। *भूमिगत खदान की टेक्नाॅलाॅजी कान्टिन्यूअस माईनर*:-

कंपनी ने एमडीओ मोड पर खदानों के संचालन की दिशा में भी पहल की है तथा इस आधार पर पेलमा (15 एमटीवाई), मदन नगर (12 एमटीवाई), दुर्गापुर (6 एमटीवाई) तथा केतकी (0.87 एमटीवाई) कार्यान्वयन के अधीन हैं। नई तकनीक का विस्तार करते हुए हसदेव क्षेत्र के बेहराबांध एवं बिश्रामपुर क्षेत्र के गायत्री भूमिगत खदान में कान्टिन्यूअस माईनर लगायी जा रही है। *ठेका मजदूरों एवं आश्रित बच्चों को प्रोत्साहन*:-

कान्ट्रेक्टर वर्कर्स के लिए कोलइण्डिया इन्डिविजूवल प्रोडक्टिविटी इम्पू्रवमेंट स्कीम के अंतर्गत स्पाॅट रिवार्ड स्कीम चलायी जा रही है, जिसके तहत नियमित रूप से उत्तम कार्य करने वाले ठेका कामगारों को पुरस्कार दिया जाता है। इस वित्तीय वर्ष में कम्पनी ने आईआईटी, एनआईटी तथा गव्हर्नमेंट इंजीनियरिंग काॅलेजों एवं गव्हर्नमेंट मेडिकल काॅलेजों में पढ़ने वाले हमारे कर्मचारियों के लगभग 150 मेधावी बच्चों की ट्यूशन फीस व हाॅस्टल चार्ज की प्रतिपूर्ति की है।

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