बरेला अपहरण–हत्याकांड में बड़ा खुलासा, आरोपियों को बचाने में जनप्रतिनिधि व कथित पत्रकार भी शामिल

प्रवीर भट्टाचार्य/ आकाश दत्त मिश्रा


मुंगेली। बरेला में हुए चर्चित अपहरण और हत्याकांड में मुंगेली पुलिस की जांच के दौरान बेहद चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। पुलिस ने खुलासा किया है कि इस जघन्य अपराध में जहां एक ओर जमीन के विवाद के चलते एक युवक की जान चली गई, वहीं दूसरी ओर गांव के ही कुछ लोग—जिनमें जनप्रतिनिधि, राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोग और कथित पत्रकार शामिल हैं—आरोपियों को बचाने में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे।
पुलिस के अनुसार मृतक राजकुमार धुरी के पास हाईवे किनारे कीमती पैतृक जमीन थी। आरोपी पहले से ही आसपास की जमीन खरीद चुके थे और पिछले करीब एक साल से राजकुमार धुरी व उसके पिता बेनीराम धुरी पर जमीन बेचने का दबाव बना रहे थे। जमीन न बेचने पर आरोपियों ने साम-दाम-दंड-भेद की नीति अपनाई और अंततः वारदात को अंजाम दिया।


बैंक से अपहरण, नर्सरी में बेरहमी से पिटाई


26 दिसंबर की दोपहर राजकुमार धुरी बरेला स्थित पंजाब नेशनल बैंक गया हुआ था। वहीं आरोपियों की नजर उस पर पड़ी। इसके बाद प्रदीप साहू ने अपने साथियों छोटू साहू, रवि उर्फ चिंटू साहू, पिंटू साहू, कान्हा पटेल उर्फ समीर सहित अन्य को बुलाया। सभी ने जबरन राजकुमार को कार में बैठाया और ठाकुर कांपा स्थित नर्सरी ले जाकर उसकी बेरहमी से पिटाई की। पिटाई में वह अधमरा हो गया। इसके बाद आरोपी उसे वापस बरेला लाए और एक्टिवा पर बैठाकर उसके घर के सामने फेंककर फरार हो गए। गंभीर रूप से घायल राजकुमार को परिजन अस्पताल ले गए, जहां उसकी मौत हो गई।


फरारी के दौरान कई जिलों का चक्कर, अंततः गिरफ्तारी


मौत की खबर मिलते ही आरोपी फरार हो गए। वे पहले भाटापारा, फिर रायपुर, दुर्ग और नागपुर तक पहुंचे। अगले दिन ट्रेन से वापस भाटापारा लौटे और चांपा, कोरबा, कोटा होते हुए बरेला की ओर आ रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि उनके तीन साथी लोरमी के जंगल में छिपे हुए हैं, जिन्हें पुलिस ने वहां से पकड़ लिया।


आरोपियों को बचाने की साजिश, 17 नामजद


जांच के दौरान एक और सनसनीखेज पहलू सामने आया। पुलिस ने पाया कि गांव के कुछ लोग मृतक परिवार के प्रति सहानुभूति रखने के बजाय आरोपियों को बचाने में जुटे थे। आरोप है कि एक्टिवा से लगातार पुलिस की रेकी की जा रही थी और आरोपियों को सूचनाएं पहुंचाई जा रही थीं। इनमें जनप्रतिनिधि, राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोग और पत्रकार का मुखौटा लगाए कुछ लोग भी शामिल थे।अब तक इस मामले में 17 आरोपी नामजद किए गए हैं, जिनमें से 12 को गिरफ्तार किया जा चुका है।

मुख्य आरोपी


एसपी का बयान


पूरे मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने कहा कि हत्या जैसे जघन्य अपराध में भी गांव के ही कुछ लोग आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहे थे, जो समाज के नैतिक पतन का संकेत है। उन्होंने इसे आने वाले समय के लिए बेहद घातक बताया। एसपी ने कहा कि यदि राजनीतिक या पत्रकारिता से जुड़े लोग अपराधियों की मदद करते पाए गए, तो उनके खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अभी कुछ और आरोपियों की पहचान की जा रही है, जिन पर जल्द कार्रवाई होगी।


अब तक गिरफ्तार आरोपी:


संतोष कुमार साहू, उमेश साहू, सोनू साहू, उत्तम साहू, समीर कोसले, प्रदीप साहू, विनीत साहू, रवि निर्मलकर, राजा धुरी, प्रदीप ध्रुवंशी, मनीष साहू, योगेश साहू।
पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

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