चरित्र सत्यापन के नाम पर रिश्वत मांगना पड़ा भारी, प्रधान आरक्षक निलंबित, एसपी ने की सख्त कार्रवाई


कोरबा।
चरित्र सत्यापन के बदले रिश्वत मांगने के मामले में पुलिस अधीक्षक ने सख्त रुख अपनाते हुए एसपी कार्यालय में पदस्थ एक प्रधान आरक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई एनटीपीसी में कार्यरत एक युवक की शिकायत के बाद की गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता दीपक साहू (21 वर्ष), निवासी ढोढीपारा, रायगढ़ स्थित एनटीपीसी में हाइड्रा ऑपरेटर के रूप में कार्य करता है। उसे गेट पास नवीनीकरण के लिए पुलिस चरित्र प्रमाण पत्र की आवश्यकता थी। इसी सिलसिले में वह 20 दिसंबर 2025 को एसपी कार्यालय पहुंचा था, जहां चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन के बदले उससे 1000 रुपए की रिश्वत मांगी गई।
शिकायत में बताया गया कि एसपी कार्यालय में पदस्थ प्रधान आरक्षक सूर्यकांत द्विवेदी (क्रमांक 315) ने प्रमाण पत्र बनाने के बदले उक्त राशि की मांग की। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा तत्काल जांच के आदेश दिए गए। मामले की जांच उप निरीक्षक प्रमोद चंद्राकर द्वारा की गई।
जांच के दौरान शिकायतकर्ता दीपक साहू ने अपने बयान में आरोपों की पुष्टि की। वहीं पहचान पंचनामा के दौरान भी आवेदक ने प्रधान आरक्षक सूर्यकांत द्विवेदी को स्पष्ट रूप से पहचानते हुए बताया कि उसी ने रिश्वत की मांग की थी। जांच में आरोप सही पाए जाने पर प्रधान आरक्षक 315 सूर्यकांत द्विवेदी को 20 दिसंबर 2025 से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
निलंबन अवधि के दौरान प्रधान आरक्षक का मुख्यालय रक्षित केंद्र, कोरबा निर्धारित किया गया है तथा उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।
पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया है कि पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इस तरह की शिकायतों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।

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