


बिलासपुर, 20 दिसंबर 2025।
जिले में कानून-व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर श्री रजनेश सिंह (भा.पु.से.) ने आज थाना कोटा का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने थाना परिसर में उपस्थित फरियादियों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं और उनके त्वरित व प्रभावी निराकरण के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
निरीक्षण के क्रम में एसएसपी ने सीसीटीएनएस कक्ष का अवलोकन करते हुए ऑपरेटर से प्रणाली के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की तथा रिकॉर्ड संधारण और अद्यतन की स्थिति की जांच की। वहीं रीडर शाखा में पासपोर्ट एवं चरित्र सत्यापन से जुड़े लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के निर्देश दिए गए।
विवेचक कक्ष में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने स्वयं पुराने लंबित अपराधों की फाइलों का अवलोकन किया और विवेचकों को जांच में तेजी लाने एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने-अपने बीट क्षेत्रों में सतत गश्त, चोरी व नकबजनी की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण तथा आरोपियों की त्वरित गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।
इस अवसर पर प्रधान आरक्षक सत्यप्रकाश यादव को चोरी के प्रकरणों में सफल गिरफ्तारी और बरामदगी के लिए नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। वहीं थाना में बुलाए गए छह गुंडा बदमाशों को एसएसपी द्वारा सख्त हिदायत दी गई।
थाना प्रभारी कोटा ने जानकारी दी कि क्षेत्र में कानून-व्यवस्था मजबूत बनाए रखने के लिए लगातार सख्त और प्रभावी कार्रवाई की जा रही है। बीते दिनों 19 गुंडा बदमाशों और असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है, जबकि आज ही छह बदमाशों पर धारा 170 बीएनएसएस के तहत कार्रवाई की गई, जिनमें चाकूबाजी जैसे गंभीर अपराधों में पूर्व में संलिप्त तथा जेल से रिहा होने के बाद पुनः आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय अपराधी भी शामिल हैं।
इसके पश्चात वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अनुविभागीय पुलिस अधिकारी, कोटा कार्यालय का भी निरीक्षण किया और एसडीओपी कोटा को प्रभावी सुपरविजन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान शिकायतों एवं अपराधों की समीक्षा भी की गई।
निरीक्षण के बाद एसएसपी ने नगर के गणमान्य नागरिकों से मुलाकात कर उनसे नगर की समस्याओं पर चर्चा की तथा सफल पुलिसिंग के लिए जनभागीदारी पर जोर दिया। बैठक में नशे के आदी युवकों को नशे से दूर कर मुख्यधारा में जोड़ने, बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और आगामी त्योहारों को शांतिपूर्ण एवं दुर्घटनारहित ढंग से मनाने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
