

बिलासपुर। ग्राम हांफा स्थित देवाधिदेव बघर्रा पाठ नृसिंह देव मंदिर के आचार्य धनेश उपाध्याय जी ने हिंदू नूतन वर्ष के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हिंदू धर्म में नया वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ होता है। यह दिन सृष्टि के नवीनीकरण, बुराई पर अच्छाई की विजय और एक नए आध्यात्मिक अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है।

आचार्य जी ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक भी हुआ था। यही कारण है कि इस तिथि से नए पंचांग का आरंभ होता है तथा वर्ष भर आने वाले पर्वों, व्रतों और सांस्कृतिक परंपराओं की शुरुआत मानी जाती है।
उन्होंने कहा कि आजकल कई भक्त अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी को नववर्ष मनाते हैं, जिसका मंदिर प्रबंधन स्वागत करता है। इसी क्रम में 1 जनवरी को सुबह से रात्रि 8 बजे तक मंदिर के पट भक्तों के दर्शन हेतु खुले रहेंगे।
आचार्य धनेश उपाध्याय जी ने यह भी कहा कि हिंदू धर्मानुसार वास्तविक नूतन वर्ष चैत्र नवरात्रि के साथ प्रारंभ होता है। उन्होंने भक्तों से आह्वान किया कि वे अपने धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को समझते हुए चैत्र मास में नूतन वर्ष को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाएं।
