
शशि मिश्रा

बिलासपुर। पूर्व जिलाध्यक्षों के खिलाफ दर्ज एफआईआर के विरोध में मंगलवार को कांग्रेसजन बड़ी संख्या में सड़क पर उतर आए। कांग्रेस भवन से निकली विशाल विरोध रैली ने सिविल लाइन थाने पहुंचकर थाने का घेराव किया और करीब दो घंटे तक धरना देकर जोरदार नारेबाजी की। थाने का परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था।

कैसे शुरू हुआ विवाद?
कुछ दिन पूर्व हुए कांग्रेस के जन आंदोलन के दौरान सीएम की पोस्टर पर चप्पल बरसाने का मामला सामने आया था, जिसके विरोध में भारतीय जनता युवा मोर्चा ने सिविल लाइन थाने में एफआईआर की मांग को लेकर घेराव किया था। दबाव के बाद पुलिस ने तत्कालीन जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी और शहर अध्यक्ष विजय पांडेय सहित अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इसी के विरोध में कांग्रेसजन ने मंगलवार को शक्ति प्रदर्शन किया।

भीड़ उमड़ी, नारेबाजी से गूंजा सिविल लाइन थाना क्षेत्र
कांग्रेस भवन से निकली रैली में तखतपुर, सकरी, बिल्हा, तिफरा, सिरगिट्टी, बिलासपुर, बेलतरा, सीपत, मस्तूरी, मल्हार, रतनपुर, कोटा समेत कई क्षेत्र के हजारों कार्यकर्ता, महिला कांग्रेस व युवा कांग्रेस के सदस्य शामिल हुए।
थाने के बाहर सड़क पर बैठकर कांग्रेसजनों ने भाजपा सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारे लगाए, जिसके चलते आसपास की सड़कें जाम हो गईं।
पुलिस छावनी में बदला थाना परिसर
रैली की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने पहले ही सिविल लाइन थाने को सुरक्षा घेरा प्रदान कर दिया था।
थाना परिसर में भारी पुलिस बल,
बाहर महिला जवानों की तैनाती,

गेट बंद कर सुरक्षा बढ़ाई गई।

इसी दौरान जब दो एंबुलेंस सड़क पर फंसी, तो कांग्रेसजनों ने आंदोलन रोककर रास्ता दिया और फिर वापस धरने पर बैठ गए।
दोनों पूर्व अध्यक्षों ने दी गिरफ्तारी
पुलिस अधिकारियों की पहल पर विजय केशरवानी और विजय पांडेय थाने पहुंचे और अपनी गिरफ्तारी दी। इनके थाने में मौजूद रहने तक कार्यकर्ता लगातार नारेबाजी करते रहे।
इसके साथ ही पूर्व में नगर निगम घेराव मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद पार्षद लक्ष्मी साहू और गायत्री साहू ने भी गिरफ्तारी दी।
कांग्रेस नेताओं का आरोप—“जनहित आंदोलनों से सरकार घबराई”
कांग्रेस नेताओं ने एफआईआर को बदले की राजनीति बताया।
सिद्धांशु मिश्रा (अध्यक्ष, शहर कांग्रेस) ने कहा—
“27 नवंबर का कलेक्टोरेट घेराव शांतिपूर्ण था। इसके बावजूद वाटर केनन का प्रयोग कर और एफआईआर दर्ज कर कांग्रेस को डराने की कोशिश की गई है। हम डरने वाले नहीं हैं।”
महेंद्र गंगोत्री (अध्यक्ष, जिला कांग्रेस) ने कहा—
“जनहित आंदोलनों पर एफआईआर करना जनता के अधिकारों का हनन है।”
विजय केशरवानी ने कहा—
“जनहित के मुद्दों पर लड़ाई लड़ते रहेंगे, जरूरत पड़ी तो हजार बार जेल जाने को तैयार हूं।”

विजय पांडेय ने केंद्र व राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा—
“भाजपा सरकार हर क्षेत्र में विफल है, इसलिए विपक्ष पर एफआईआर कर रही है।”
धान खरीदी और किसानों की समस्याओं पर भी उठी आवाज
मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया ने कहा कि
“धान खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था, समय पर टोकन न मिलना, पंजीयन में दिक्कत और पिछले साल के करोड़ों के धान के सड़ने जैसे मुद्दों पर जब शांतिपूर्ण आंदोलन हुआ, तब एफआईआर कर लोकतंत्र को दबाने की कोशिश की गई।”
कई वरिष्ठ नेता रहे मौजूद
नेताओं में विशेष रूप से—
सिद्धांशु मिश्रा, महेंद्र गंगोत्री, विजय केशरवानी, विजय पांडेय, दिलीप लहरिया, रश्मि आशीष सिंह, सियाराम कौशिक, रामशरण यादव, शेख नजीरुद्दीन सहित शहर व ग्रामीण क्षेत्रों के सैकड़ों पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
सिविल लाइन थाने में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन जिले में एक बड़ा राजनीतिक मामला बन गया है। कांग्रेस ने साफ किया कि वे एफआईआर का विरोध जारी रखेंगे और जनहित के मुद्दों पर संघर्ष से पीछे नहीं हटेंगे।
