
शशि मिश्रा

बिलासपुर। खुशी का माहौल मातम में बदल गया जब ग्राम बरतोरी में चूलमाटी कार्यक्रम के दौरान डांस फ्लोर पर हुई मामूली टक्कर ने खूनी रूप ले लिया। सजावट, डीजे और नाच-गाने के बीच दो युवकों के हाथ टकराने भर से शुरू हुआ विवाद गांव में पहले से मौजूद गुटबाजी और शराब के नशे के कारण इतना भड़क गया कि बीच-बचाव करने आए युवक बड़कू उर्फ रामभजन यादव की चाकू मारकर हत्या कर दी गई।
शुक्रवार शाम खपरी निवासी कुश यादव अपने दोस्त बादल निषाद की चुलमाटी में शामिल हुआ था। डांस के दौरान कुश का हाथ संदीप निषाद से टकराने पर संदीप भड़क गया और विवाद शुरू हो गया। इसके बाद संदीप के साथ आए 5 अन्य युवक भी झगड़े में शामिल हो गए। बड़कू यादव स्थिति शांत करने पहुंचे, लेकिन अराजक माहौल उनके लिए जानलेवा साबित हुआ। आरोप है कि बरतोरी के एक युवक ने चाकू से उनके सीने, माथे और आंख के नीचे लगातार वार किए, जिससे वे गंभीर रूप से घायल होकर वहीं गिर पड़े।
घटना के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
गांवों में बढ़ती असुरक्षा और अराजकता पर सवाल
स्थानीय लोगों ने इस घटना को गांवों में बढ़ते नशे, गुटबाजी और डीजे कार्यक्रमों में बढ़ती अराजकता का परिणाम बताया है। ग्रामीणों के अनुसार:
- नशे में झगड़े
- गुटों की भिड़ंत
- हथियार लहराना
- पुरानी रंजिशों का भड़कना
शादी-ब्याह के कार्यक्रमों में आम बात बनते जा रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था और आयोजकों की सतर्कता न के बराबर रहती है, जिससे ऐसे विवाद आसानी से हिंसक रूप ले लेते हैं।
पुलिस की कार्रवाई—पर सवाल बड़े
घटना के बाद पुलिस ने 4 नाबालिग समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और सभी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है।
हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि गिरफ्तारी सिर्फ घटना के “परिणाम” पर कार्रवाई है—बढ़ती अव्यवस्था, नशे और हथियारबाजी पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
ग्राम बरतोरी में हुई यह घटना एक बार फिर सवाल खड़ा करती है कि गांवों में खुशी के मौके आखिर कब तक तनाव और खून-खराबे में तब्दील होते रहेंगे?
