

तखतपुर में सतनामी समाज के विरोध के बाद गिरफ्तार किए गए कथावाचक आशुतोष चैतन्य को अदालत से जमानत मिल गई है। तखतपुर में कथा वाचन के दौरान आशुतोष चैतन्य महाराज ने गाय काटने को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि जो पहले सनातनी थे , वह आज सतनामी हो गए है। मूर्खों को यह भी समझ नहीं आता कि सतनामी का मतलब क्या होता है और वे गायों को काट रहे हैं। इसका वीडियो वायरल होने के बाद सतनामी समाज ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। इस मामले में जब पुलिस ने व्यास पीठ से कथावाचक को गिरफ्तार किया तो कोर्ट में पेश करने के दौरान भी विरोधियों ने जमकर नारेबाजी और गाली गलौज की। साथ ही उन पर हमले का भी प्रयास किया। इधर कथा वाचक के समर्थन में उतरे हिंदू संगठनों का आरोप है की पुलिस ने उन पर बल प्रयोग किया। कोर्ट परिसर में हंगामे के मामले में पुलिस ने कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज किया है ।

10 नवंबर को तखतपुर के टिकरी पारा में श्रीमद् भागवत कथा महापुराण के दौरान कथावाचक आशुतोष चैतन्य ने गौ रक्षा के उद्देश्य से यह बयान दिया था, लेकिन सतनामी समाज के विरोध के बाद उन्होंने माफी भी मांग ली थी, लेकिन फिर भी उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दिया गया।
इधर अदालत में उन्हें जमानत देते हुए विवादित बयान से बचने के निर्देश दिए हैं । आशुतोष चैतन्य महाराज को जमानत मिल जाने के बाद हिंदू संगठनों ने उनका स्वागत किया है।
