
आकाश दत्त मिश्रा

बिलासपुर। वर्षों से जर्जर स्थिति के कारण जानलेवा साबित हो रहा बिलासपुर–मुंगेली मार्ग का अंग्रेज़ों के जमाने का मनियारी पुल आखिरकार मरम्मत के दौर में पहुंच गया है। लोक निर्माण विभाग ने 11 नवंबर से 18 नवंबर तक इस पुल पर यातायात को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया है। इस अवधि में पुल पर सर्फेस ट्रीटमेंट, डामरीकरण, रेलिंग मरम्मत, रोड़ सेफ्टी और रंग-रोगन जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं।

यात्रियों की फजीहत—जानकारी के अभाव में पुल के दोनों सिरों पर फंसे वाहन

मरम्मत की सूचना समय पर न मिलने से कई यात्री और वाहन चालक पुल के दोनों ओर पहुंचकर फंस रहे हैं। ऐसे में मार्ग परिवर्तित कर बरेला–तखतपुर–जरेली होते हुए बिलासपुर आने-जाने का वैकल्पिक रूट निर्धारित किया गया है।

अंग्रेज़ों के समय का सबमर्सिबल पुल—अब जर्जरता की हद पर

राजमार्ग क्रमांक 1301 के किलोमीटर 73.662 से 74.734 के बीच स्थित यह पुल अंग्रेज़ी शासन के समय का निर्मित सबमर्सिबल स्ट्रक्चर है। वर्षों से रखरखाव के अभाव में इसकी हालत बेहद खराब हो चुकी थी।

- बरसात में पुल पर पानी भरने से यातायात कई दिनों तक ठप हो जाता था।
- संकरा होने के कारण यहां अक्सर भारी वाहनों की आमने-सामने भिड़ंत की स्थिति बनती और जाम लगता था।
- बड़े-बड़े गड्ढों के कारण इस मार्ग से गुजरना चुनौतीपूर्ण और जोखिमभरा हो चुका था।
जनता के आंदोलन और मीडिया की मौजूदगी के बाद उठा कदम

स्थानीय लोगों ने पुल की जर्जर स्थिति को लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन किए थे। कुछ युवाओं पर आंदोलन के दौरान एफआईआर भी दर्ज हुई थी। इसी मुद्दे को मीडिया द्वारा लगातार उठाए जाने के बाद हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया था।
एक बार तो जाम की वजह से केंद्रीय मंत्री के काफिले को वापस लौटना पड़ा, जिसने इस समस्या को और गंभीर बना दिया।

64 लाख की लागत से मरम्मत कार्य
लंबे संघर्ष और मांग के बाद अब 64 लाख रुपये की लागत से पुल के ऊपर तथा उससे पहले और बाद के 100 मीटर हिस्से का डामरीकरण, रेलिंग सुधार, सुरक्षा संकेतक और रंग-रोगन का कार्य किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग ने दावा किया है कि 18 नवंबर तक कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा और इसके बाद एक बार फिर इस पुल से यातायात सामान्य रूप से शुरू कर दिया जाएगा।

स्थानीय लोगों की बड़ी मांग—नया चौड़ा पुल जरूरी
हालांकि मरम्मत कार्य से पुल की स्थिति फिलहाल बेहतर होने की उम्मीद है, लेकिन स्थानीय लोग इसे स्थायी समाधान नहीं मानते। उनका कहना है कि—

- यह पुल अत्यधिक पुराना और बेहद सकरा है।
- बिलासपुर–मुंगेली को जोड़ने वाला यह एकमात्र मुख्य संपर्क मार्ग है।
- यातायात का दबाव हर साल बढ़ रहा है, जो इस पुराने पुल की क्षमता से कहीं अधिक है।
इसीलिए लोग मांग कर रहे हैं कि इस पुल के पूरी तरह जर्जर होकर अनुपयोगी होने से पहले यहां एक नया, अधिक चौड़ाई वाला मजबूत पुल बनाया जाए, ताकि भविष्य में दुर्घटनाओं व जाम की समस्या से पूरी तरह निजात मिल सके।

मरम्मत के दौरान भी नियम तोड़ रहे बाइक चालक
निर्माण कार्य के लिए यातायात पूरी तरह बंद होने के बावजूद कुछ बाइक चालक डामरीकरण कार्य के ऊपर से गुजरते हुए देखे गए, जिससे निर्माण कार्य में बाधा पहुंच रही है। अधिकारियों ने ऐसे चालकों से नियमों का पालन करने की अपील की है।
मनियारी पुल की मरम्मत से लोगों को फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद तो है, लेकिन क्षेत्रवासियों का कहना है कि स्थायी समाधान केवल नया और चौड़ा पुल बनने से ही संभव है।

