यूनिटी मार्च में भिड़े भाजपा नेता — एकता मार्च में ही दिखी अनबन, केंद्रीय मंत्री ने किया शांत

शशि मिश्रा

बिलासपुर।
सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर भाजपा द्वारा पूरे प्रदेश में “यूनिटी मार्च” निकाला जा रहा है। एकता का संदेश देने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में बिलासपुर में कुछ ऐसा हुआ कि पार्टी की “एकता” पर सवाल खड़े हो गए। मार्च के पहले ही दिन भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओं — बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला और भाजपा प्रदेश मंत्री हर्षिता पांडेय — के बीच बहस हो गई। दोनों ने एक-दूसरे पर ऊंगली उठाई और बात इतनी बढ़ी कि केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू और वरिष्ठ विधायक धरमलाल कौशिक को बीच-बचाव करना पड़ा।

कैसे हुआ विवाद

यूनिटी मार्च की शुरुआत तिफरा काली मंदिर से की गई थी। केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने मार्च का नेतृत्व किया। उनके बाईं ओर धरमलाल कौशिक और दाईं ओर हर्षिता पांडेय चल रही थीं। बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला शुरुआत में थोड़ी पीछे चल रहे थे। इस दौरान साहू ने उन्हें आगे बुलाते हुए पहली पंक्ति में शामिल होने को कहा।

सुशांत शुक्ला साहू और हर्षिता के बीच आ गए। इसी दौरान भीड़ अधिक होने की वजह से एक-दूसरे से टकराने की स्थिति बनी। बताया जाता है कि सुशांत ने हर्षिता से “थोड़ी दूरी बनाकर चलने” की बात कही। इसी पर हर्षिता नाराज हो गईं और दोनों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई।

मार्च में बज रहे बैंड की तेज आवाज के कारण आसपास मौजूद कार्यकर्ता स्पष्ट रूप से नहीं सुन पाए कि दोनों के बीच क्या कहा-सुनी हुई। हालांकि, वीडियो में दोनों नेताओं को एक-दूसरे की ओर ऊंगली उठाकर बात करते देखा जा सकता है। जब स्थिति बिगड़ने लगी तो तोखन साहू और धरमलाल कौशिक ने बीच में आकर माहौल शांत कराया। इसके बाद सुशांत को मंत्री साहू के बाईं ओर कर दिया गया।

सुशांत बोले — “आपको जो करना है कर लेना…”

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जब सुशांत को पीछे हटने के लिए कहा गया तो वे नाराज हो गए और ऊंची आवाज में बोले — “आपको जो करना है, कर लेना…” हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि यह टिप्पणी किसके लिए थी। वहीं, हर्षिता ने क्या कहा, यह बैंड की आवाज में सुनाई नहीं दिया।

मार्च में बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल, तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह, मेयर पूजा विधानी सहित कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता भी शामिल थे।

नेताओं ने दी सफाई

विवाद के बाद जब मीडिया ने सवाल पूछे, तो सभी नेताओं ने किसी भी तरह की अनबन से इनकार किया।

तोखन साहू, केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा —

“यूनिटी मार्च के दौरान कोई विवाद नहीं हुआ है। न ही पार्टी में कोई फूट है। मार्च सफल रहा और अंत में सभी ने एकता का संकल्प लिया।”

धरमलाल कौशिक, विधायक बिल्हा ने कहा —

“मैं पूरे समय मौजूद था, मेरे सामने कोई विवाद नहीं हुआ। कांग्रेस बेवजह इसे तूल दे रही है।”

सुशांत शुक्ला, विधायक बेलतरा ने भी कहा —

“कहीं कोई विवाद नहीं हुआ। हम सब एक हैं। मीडिया इसे बेवजह बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है, जिससे कांग्रेस को बोलने का मौका मिल गया।”

पार्टी की एकता पर सवाल

भाजपा का “यूनिटी मार्च” सरदार पटेल की जयंती पर एकता और संगठन की मजबूती दिखाने के लिए निकाला गया था, लेकिन पहले ही दिन नेताओं की आपसी खींचतान ने पार्टी की छवि पर असर डाला। हालांकि, वरिष्ठ नेताओं ने तत्काल हस्तक्षेप कर स्थिति संभाल ली और मार्च बिना किसी और विवाद के आगे बढ़ा।

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