बहतराई स्टेडियम में ‘युगप्रवर्तक डॉ. हेडगेवार’ नाट्य मंचन, जीवंत हुई राष्ट्र भावना

शशि मिश्रा

बिलासपुर। आरएसएस स्थापना के शताब्दी वर्ष के अवसर पर माधव प्रेरणा केंद्र बिलासपुर एवं डॉ. हेडगेवार नाट्य मंचन समिति के संयुक्त तत्वावधान में बहतराई इनडोर स्टेडियम में राष्ट्र भावना से ओतप्रोत नाट्यविष्कार ‘युगप्रवर्तक डॉ. हेडगेवार’ का मंचन किया गया। यह नाट्य प्रस्तुति नागपुर के “नाद ब्रह्म” समूह द्वारा तैयार की गई है, जो देशभर में पहली बार प्रस्तुत की जा रही है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू एवं अध्यक्ष उप मुख्यमंत्री अरुण साव रहे। विशिष्ट अतिथियों में रहस काव्य मंच के गया प्रसाद व्यास, पर्यावरणविद ज्योति अग्रवाल, शासकीय विद्यालय तेंदुआ के प्राचार्य गोपाल ध्रुव, नाट्य मंच निर्माता पद्माकर धानोरकर, विभाग संघचालक डॉ. राजकुमार सचदेव और संयोजक डॉ. विनोद तिवारी उपस्थित थे।

नाटक में डॉ. हेडगेवार के जीवन, राष्ट्र के प्रति समर्पण और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की पृष्ठभूमि को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया। मंचन में भारत के स्वतंत्रता संग्राम, समाज जागरण, कांग्रेस के गरम दल से अहिंसा आंदोलन तक के संक्रमण काल, हिंदू समाज की पुनः चेतना, डॉ. हेडगेवार पर चले राजद्रोह मुकदमे तथा लोकमान्य तिलक, योगी अरविंद और सावरकर से प्रेरणाओं के प्रसंगों को संवेदनशील तरीके से दिखाया गया।

मुख्य भूमिका सतीश खेकाले ने निभाई। अन्य कलाकारों में अमोल तेलपांडे, रमेशचंद्र दीक्षित, मंगेश बावसे, विनायक श्रोत्री, मिलिंद हसबनीस, गणेश केलकर, ऋषिकेश अंबुलकर, सचिन चावरे और आनंद बालपुरे शामिल रहे। नाटक का निर्देशन सुबोध सुर्जीकर, लेखन डॉ. अजय प्रधान, संगीत शैलेश दाणी तथा दृश्य निर्माण अमित धनराज ने किया। संचालन पूर्णेदु भट्ट और आभार प्रदर्शन डॉ. ललित माखीजा ने किया।

मुख्य अतिथि तोखन साहू ने कहा कि “डॉ. हेडगेवार एक चिकित्सक, स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्र जागरण के प्रतीक थे। यह नाटक उनके जीवन दर्शन को सजीव करता है।” वहीं उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि “हेडगेवार जी बचपन से ही प्रखर राष्ट्रभक्त थे। 1925 में स्थापित संगठन आज शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर चुका है, जो उनकी दूरदृष्टि और संगठनात्मक क्षमता का प्रमाण है।”

संयोजक डॉ. विनोद तिवारी ने संघ की स्थापना और कार्य प्रणाली पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “संघ का मूल मंत्र है – अपरिचित को परिचित बनाना, परिचित को स्वयंसेवक और स्वयंसेवक को कार्यकर्ता बनाना।”
विभाग संघचालक डॉ. राजकुमार सचदेव ने बताया कि नागपुर के 40 कलाकारों की यह टीम देश के विभिन्न राज्यों में नाट्य मंचन कर रही है, और बिलासपुर में यह छत्तीसगढ़ की छठी प्रस्तुति रही।

बहतराई स्टेडियम में हुए इस आयोजन में दर्शकों ने देशभक्ति और संगठनात्मक चेतना से ओतप्रोत नाट्य प्रस्तुति की सराहना की।

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