

बिलासपुर। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (GGU) के छात्र अर्सलान अंसारी की मृत्यु मामले में कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा यह खबर प्रकाशित की गई कि जांच “एक अनुभवहीन प्रधान आरक्षक” द्वारा की जा रही है। इस पर कोनी पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यह दावा पूरी तरह भ्रामक और तथ्यहीन है।
पुलिस ने बताया कि किसी भी मृत्यु संबंधी मामले में प्रारंभिक मर्ग पंचनामा (Inquest) की कार्रवाई थाना स्तर पर प्रधान आरक्षक या सहायक उपनिरीक्षक (ASI/HC) जैसे अधिकारी द्वारा की जाना एक सामान्य प्रक्रिया है। यह केवल प्रारंभिक जांच का हिस्सा होती है, जबकि आगे की विवेचना वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जाती है।

कोनी थाना में दर्ज मर्ग क्रमांक 81/2025 में छात्र अर्सलान अंसारी की पानी में डूबने से संदिग्ध मृत्यु के मामले को गंभीरता से लेते हुए, पुलिस अधीक्षक बिलासपुर द्वारा एक पांच सदस्यीय विशेष जांच टीम (SIT) गठित की गई है।
इस SIT का नेतृत्व नगर पुलिस अधीक्षक (CSP) श्री गगन कुमार (भा.पु.से.) द्वारा किया जा रहा है। टीम में थाना प्रभारी कोनी निरीक्षक (TI) अनंत कुमार, साइबर सेल और तकनीकी सेल के अधिकारी भी शामिल हैं। जांच टीम वैज्ञानिक और संगठित पद्धति से पूरे प्रकरण की विवेचना कर रही है।
पुलिस ने बताया कि TI अनंत कुमार के कार्यभार ग्रहण करने से पहले प्रधान आरक्षक रमेश पटनायक ने मर्ग पंचनामा की प्रारंभिक कार्यवाही नियमानुसार की थी। SIT के गठन के बाद अब जांच की प्रत्येक जिम्मेदारी स्पष्ट रूप से विभाजित की गई है, और दस्तावेजों पर अधिकारी अपने कार्यक्षेत्र के अनुसार हस्ताक्षर कर रहे हैं।
कोनी पुलिस ने स्पष्ट कहा है कि यह दावा कि “पूरी जांच केवल एक प्रधान आरक्षक द्वारा की जा रही है” — पूरी तरह भ्रामक, असत्य और भ्रम फैलाने वाला है।
वर्तमान में CSP श्री गगन कुमार (IPS) के निर्देशन में जांच पारदर्शी, निष्पक्ष और विधिसम्मत ढंग से चल रही है।
बिलासपुर पुलिस ने जनता एवं मीडिया से अपील की है कि ऐसे संवेदनशील मामलों से जुड़ी खबरें प्रकाशित करने से पूर्व तथ्यात्मक सत्यापन अवश्य करें, ताकि किसी प्रकार की भ्रामक जानकारी से जांच प्रक्रिया या जनता की धारणा प्रभावित न हो।
