फ्लेक्स हटाने के विवाद पर रतनपुर नगर पालिका में हंगामा,कांग्रेसियों और जनप्रतिनिधियों ने जताया विरोध, मुख्य नगर पालिका अधिकारी को हटाने की उठी मांग

यूनुस मेमन

रतनपुर।
धार्मिक नगरी रतनपुर में शारदीय नवरात्र पर्व के दौरान मां महामाया मंदिर में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं का तांता लगता है। दर्शनार्थियों के स्वागत के लिए नगर के जनप्रतिनिधि और सामाजिक संगठन जगह-जगह फ्लेक्स व बैनर लगाते हैं। इसी बीच नगर पालिका प्रशासन द्वारा फ्लेक्स हटाने की कार्रवाई ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया।

फ्लेक्स उखाड़कर कचरा गाड़ी में डाला

मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) ने आदेश जारी कर नगर में लगे सभी फ्लेक्स को हटाने का फरमान जारी किया। इस कार्रवाई में कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव और कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए फ्लेक्स भी शामिल थे, जिनमें मां महामाया मंदिर के छायाचित्र भी अंकित थे। नगर पालिका कर्मियों ने इन फ्लेक्स को उखाड़कर सीधे कचरा गाड़ी में डाल दिया।

जैसे ही यह जानकारी नगर के कांग्रेसियों और जनप्रतिनिधियों को मिली, वे नगर पालिका कार्यालय पहुंच गए और जमकर हंगामा किया।

कन्हैया यादव का विरोध

पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष कन्हैया यादव ने भी विरोध जताया। उनका कहना था कि उन्होंने महामाया चौक में दर्शनार्थियों के स्वागत हेतु फ्लेक्स लगाया था, जिसे उखाड़ने सीएमओ स्वयं दल-बल के साथ पहुंचे। लेकिन वहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा और फ्लेक्स हटाने में नगर पालिका सफल नहीं हो पाई।

कन्हैया यादव ने आरोप लगाया कि नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा पद का दुरुपयोग करते हुए “हिटलरशाही” चलाई जा रही है। परिवारवाद और व्यक्तिगत दुश्मनी के चलते सीएमओ को फ्लेक्स हटाने के लिए कहा गया। इसको लेकर मौके पर सीएमओ और जनप्रतिनिधियों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई।

पूरे शहर में चर्चा, आक्रोश बढ़ा

यह घटना पूरे रतनपुर नगर में चर्चा का विषय बनी हुई है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने नगर पालिका अध्यक्ष और सीएमओ के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने मांग की कि तत्काल मुख्य नगर पालिका अधिकारी को हटाया जाए।

जनप्रतिनिधियों का कहना है कि श्रद्धालुओं के स्वागत हेतु लगाए गए फ्लेक्स को अपमानजनक ढंग से हटाना न केवल लोकतांत्रिक परंपराओं का उल्लंघन है बल्कि नगर की धार्मिक और सामाजिक भावनाओं को भी ठेस पहुँचाता है।

भविष्य में आक्रोश झेलना पड़ सकता है

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस तरह की कार्यवाही से आम जनता में भी नाराजगी बढ़ रही है। यदि हालात ऐसे ही रहे तो आने वाले समय में नगर पालिका अध्यक्ष को नगरवासियों के आक्रोश का सामना करना पड़ सकता है।

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