तिवरता कोल घुलाई संयंत्र से फैल रहे प्रदूषण पर कार्रवाई की मांगप्रदीप सिंह ठाकुर ने खनिज अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

यूनुस मेमन

बिलासपुर। बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम लिम्हा स्थित तिवरता कोयला धुलाई संयंत्र के खिलाफ स्थानीय नागरिकों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। संयंत्र से लगातार मानकों के विपरीत कोयला धुलाई की जा रही है, जिससे न केवल वायु गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है, बल्कि आसपास के निवासियों के स्वास्थ्य पर भी गंभीर खतरा मंडरा रहा है।

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप सिंह ठाकुर ने इस संबंध में खनिज अधिकारी को एक लिखित आवेदन सौंपते हुए संयंत्र के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि तिवरता कोल वॉशरी ग्राम लिम्हा में मुख्य सड़क मार्ग से सटी हुई है, और इससे निकलने वाला कोयले का डस्ट यात्रियों और आमजनों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है।

ठाकुर का आरोप है कि संयंत्र संचालक न केवल शासन द्वारा तय मानकों की अनदेखी कर रहे हैं, बल्कि प्रस्तावित 0.96 मिलियन टन वार्षिक क्षमता से भी अधिक मात्रा में कोयले का दोहन किया जा रहा है। इतना ही नहीं, संयंत्र की ओर से क्षमता विस्तार के लिए भी हाल ही में शासन को प्रस्ताव भेजा गया था, जो प्रदूषण की स्थिति को और गंभीर बना सकता है।

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि संयंत्र से सटी हुई घनी आबादी वाले क्षेत्र में लगातार उड़ने वाली कोयले की धूल और कार्बन से लोगों को सांस लेने में तकलीफ, त्वचा रोग व अन्य गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। नागरिकों द्वारा कई बार शासन को शिकायतें, आवेदन और धरना-प्रदर्शन कर स्थिति से अवगत कराया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है।

ठाकुर ने मांग की है कि संयंत्र द्वारा पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन रिपोर्ट और प्रबंधन योजनाओं की अवहेलना की जा रही है, जिसे गंभीरता से लेकर संयंत्र के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की जाए और इसकी क्षमता घटाई जाए। ताकि बेलतरा क्षेत्र के आम नागरिकों के स्वास्थ्य और पर्यावरण को संरक्षित रखा जा सके।

स्थानीय प्रशासन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा इस पर क्या कार्रवाई की जाती है, अब यह देखना बाकी है। लेकिन आमजन का धैर्य अब टूटने की कगार पर है।

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