यदुनंदन नगर में जलभराव से जनजीवन बेहाल, अधूरा नाला निर्माण बना मुसीबत का कारण

बिलासपुर। दो दिन की मूसलाधार बारिश ने नगर निगम की लापरवाही की पोल खोल दी है। बिलासपुर नगर निगम के वार्ड क्रमांक 06, यदुनंदन नगर कॉलोनी में हालात बेहद खराब हैं। घरों में घुटनों तक पानी भर गया है, जिससे फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और घरेलू सामान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बारिश से पहले हुई बिजली गिरने और तेज चमक से कई घरों के उपकरण पहले ही खराब हो चुके थे, जिससे कॉलोनीवासी दोगुनी मुसीबत झेल रहे हैं।

यदुनंदन नगर बिलासपुर की सबसे बड़ी कॉलोनी मानी जाती है, जहां करीब 2000 मकान हैं। इन घरों की निकासी के लिए जो मुख्य नाला 2022 में बनना शुरू हुआ था, वह आज तक अधूरा पड़ा है। नगर निगम प्रशासन और राज्य सरकार ने इसकी स्वीकृति तो दे दी, लेकिन “फंड की कमी” का हवाला देकर काम रोक दिया गया। इस अधूरे नाले का खामियाजा हर साल बरसात में हजारों लोग भुगत रहे हैं।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कई बार सरकार और निगम को पत्र लिखकर नाला निर्माण पूरा कराने और गोखने नाला की सफाई की मांग की, लेकिन उनकी गुहार अनसुनी कर दी गई। कॉलोनीवासियों का कहना है कि बारिश के समय सैदा, मेंड़्र और घुरू मंगला का पानी यदुनंदन नगर होते हुए गोखने नाला तक जाता है, लेकिन कई सालों से गोखने नाला की सफाई तक नहीं कराई गई। परिणामस्वरूप पानी का बहाव रुक गया और कॉलोनी में बाढ़ जैसे हालात बन गए।

लोगों का आरोप है कि प्रशासन के अधिकारी खुद आरामदायक बंगलों में बैठे हुए हैं और जनता को बेसहारा छोड़ दिया गया है। “अगर नाला समय पर बन जाता और सफाई होती, तो आज हमें यह दिन नहीं देखना पड़ता,” एक स्थानीय निवासी ने कहा।

कॉलोनीवासियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही नाला निर्माण और सफाई का काम शुरू नहीं किया गया तो वे निगम कार्यालय का घेराव करेंगे और आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।

यदुनंदन नगर की दुर्दशा ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि अधूरे काम और प्रशासन की उदासीनता कैसे आम जनता की जिंदगी को संकट में डाल देती है।

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