शिक्षकों को मिली यातायात शिक्षा, बने यातायात मित्र

बिलासपुर। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के दिशा-निर्देश और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात रामगोपाल करियारे के नेतृत्व में यातायात पुलिस बिलासपुर द्वारा “यातायात की पाठशाला” कार्यक्रम के तहत एक विशेष प्रशिक्षण सत्र का आयोजन उन्नत शिक्षा अध्ययन संस्थान (पीजीबीटी कॉलेज), लिंक रोड में किया गया। इस अवसर पर तीन संभागों से आए 300 से अधिक शिक्षकों को यातायात नियमों की विस्तृत जानकारी दी गई और उन्हें यातायात मित्र के रूप में नियुक्त कर उनके माध्यम से हजारों छात्र-छात्राओं तक यातायात संदेश पहुँचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई।

प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक स्वागत, पुष्पवर्षा और सरस्वती वंदना के साथ हुई। कार्यक्रम में शिक्षकों को यातायात विभाग की कार्यप्रणाली, चालान प्रक्रिया, हाईवे पेट्रोलिंग, इंटरसेप्टर, स्पीडोमीटर, ब्रीथ एनालाइजर, आईटीएमएस, एएनपीआर कैमरे सहित आधुनिक तकनीकी प्रणालियों की जानकारी दी गई। साथ ही उन्हें पॉइंट ड्यूटी बीट प्रणाली, क्रेन पेट्रोलिंग, स्पीड राडार गन और अंतर्विभागीय समन्वय प्रणाली के बारे में भी विस्तार से बताया गया।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामगोपाल करियारे ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि “शिक्षक छात्र-छात्राओं के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शक होते हैं। यदि शिक्षक स्वयं यातायात नियमों का पालन करेंगे तो छात्र भी यातायात के प्रति संवेदनशील होंगे। आज वाहन वृद्धि के कारण शहरों में यातायात का दबाव बढ़ गया है, इसलिए नागरिकों में ट्रैफिक सेंस और अनुशासन विकसित करना जरूरी है।”

इस अवसर पर सेवानिवृत्त उपनिरीक्षक उमाशंकर पांडेय ने सभी शिक्षकों को यातायात नियमों का पालन करने और दूसरों को भी जागरूक करने की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों ने तन्मयता से प्रशिक्षण प्राप्त किया और अपने स्कूलों में छात्र-छात्राओं के लिए यातायात की विशेष पाठशाला चलाने का संकल्प लिया।

इस दौरान कार्यक्रम में संस्थान की प्राचार्य मीता मुखर्जी, लायंस क्लब स्माइल की अध्यक्ष रीता राजगीर, जीवधरणी फाउंडेशन के अध्यक्ष विकास वर्मा, आर्यन फिल्म्स के डायरेक्टर रामानंद तिवारी, सचिव डॉ. सुरभि राजगीर, कोषाध्यक्ष दीप्ति साहू सहित सांस्कृतिक प्रभारी डॉ. अजीता मिश्रा, संचालक पवन पांडेय और विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

इस प्रशिक्षण से अब तीन संभागों के शिक्षकों के माध्यम से तीन लाख से अधिक छात्र-छात्राओं तक यातायात संदेश पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे शहर में यातायात अनुशासन और सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।

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