

बिलासपुर, 30 मई 2025:
विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर अपोलो कैंसर सेंटर, बिलासपुर ने एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए #Oralife स्क्रीनिंग प्रोग्राम की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य मुंह के कैंसर की प्रारंभिक पहचान, जनजागरूकता और तंबाकू उपयोगकर्ताओं सहित उच्च जोखिम समूहों को लक्षित कर प्रभावी हस्तक्षेप सुनिश्चित करना है।
भारत में हर साल मुंह के कैंसर के 77,000 नए मामले सामने आते हैं और 52,000 से अधिक मौतें होती हैं। विश्व स्तर पर दर्ज किए गए मुंह के कैंसर के कुल मामलों में से एक-तिहाई भारत में पाए जाते हैं। केवल 50% रोगी ही जीवित रह पाते हैं, जो विकसित देशों की तुलना में बेहद कम दर है। हाउसहोल्ड कंजम्पशन एक्सपेंडिचर सर्वे 2022–23 के अनुसार शहरी एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में तंबाकू सेवन बढ़ रहा है, जिससे स्थिति और चिंताजनक हो गई है।

ईशा फाउंडेशन के साथ साझेदारी
इस कार्यक्रम के तहत अपोलो ग्रुप ने ईशा फाउंडेशन के साथ साझेदारी कर “मिरेकल ऑफ माइंड” नामक एक डिजिटल पहल शुरू की है, जिसमें सद्गुरु द्वारा डिज़ाइन किया गया 7 मिनट का ध्यान अभ्यास शामिल है। यह निःशुल्क ऐप 6 सप्ताह के विशेष कार्यक्रम के माध्यम से तंबाकू की लत को छोड़ने में लोगों की मदद करता है। अब तक इसे 2 मिलियन से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है।
विशेषज्ञों की राय और प्रयास
डॉ. अमित वर्मा (सीनियर कंसल्टेंट) और डॉ. अमोल पटगांवकर (कंसल्टेंट, सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट) ने कहा कि तंबाकू उपयोग करने वालों में ओरल कैंसर की संभावना 6 से 7 गुना अधिक होती है। उन्होंने विशेष रूप से किशोरों को जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया, क्योंकि किशोरावस्था में तंबाकू की आदत आसानी से विकसित हो सकती है।
डॉ. पी. पी. मिश्रा (सीनियर कंसल्टेंट, ईएनटी) ने कहा कि दो सप्ताह से अधिक समय तक ठीक न होने वाले छाले या आवाज में बदलाव जैसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। समय पर जांच से कैंसर को रोका और पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।
राज्यवार आँकड़े और प्रभाव

पश्चिम बंगाल में ओरल कैंसर के सर्वाधिक मामले दर्ज होते हैं, जबकि केरल में सबसे कम। महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में प्रतिवर्ष लगभग 40,000–50,000 कैंसर रोगियों का उपचार होता है, जिनमें 4,000–5,000 नए ओरल कैंसर केस होते हैं। पुरुषों और महिलाओं में अनुपात 2:1 है, लेकिन महिलाओं में बिना धुएं वाले तंबाकू के उपयोग के कारण मामले बढ़ रहे हैं।
डॉ. सुश्री परीदा (सीनियर कंसल्टेंट, मेडिकल ऑन्कोलॉजी) और डॉ. सार्थक (कंसल्टेंट, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी) ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य केवल रोगियों का इलाज नहीं बल्कि उन्हें सशक्त बनाना है ताकि वे अपने मौखिक स्वास्थ्य की जिम्मेदारी स्वयं उठा सकें।
CutTheCost अभियान
इस अभियान के तहत तंबाकू के उपयोग से जुड़े आर्थिक, मानसिक और पारिवारिक नुकसान को रेखांकित किया गया है। अध्ययनों के अनुसार तंबाकू उपयोग करने वालों को जीवनकाल में ₹1.1 लाख से अधिक अतिरिक्त स्वास्थ्य खर्च वहन करना पड़ता है। इसके साथ ही बीमा प्रीमियम, कार्यस्थल अनुपस्थिति, और पारिवारिक असुरक्षा जैसे दुष्परिणाम भी सामने आते हैं।
अर्नब एस रहा, संस्था प्रमुख, अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर, ने कहा,
“हमारा उद्देश्य केवल इलाज नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के प्रति सक्रिय दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है। समय पर जांच ओरल कैंसर को रोक सकती है और इसका इलाज भी आसान बना सकती है।”
ओरल कैंसर सर्वाइवर अशोक शर्मा ने बताया कि मसूड़ों में हुए छाले की समय पर जांच ने उन्हें इस गंभीर बीमारी से उबरने का अवसर दिया। उन्होंने प्रारंभिक पहचान की आवश्यकता पर बल दिया।
OraLife प्रोग्राम की विशेषताएं
कम लागत में व्यापक स्क्रीनिंग
प्रशिक्षित हेड एंड नेक सर्जन द्वारा जांच
लाल/सफेद धब्बे, घाव, गांठ, जैसे शुरुआती लक्षणों की पहचान
30 वर्ष से अधिक उम्र वालों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
भारत में अपोलो कैंसर सेंटर नेटवर्क के अंतर्गत, दक्षिण एशिया और मध्य पूर्व का पहला पेंसिल बीम प्रोटॉन थेरेपी सेंटर भी स्थापित है। अपोलो का उद्देश्य है न केवल भारत में बल्कि विश्व भर में कैंसर के खिलाफ लड़ाई को सशक्त बनाना। वर्तमान में 147 देशों के मरीज उपचार हेतु अपोलो कैंसर सेंटर में आते हैं।
Oralife और #CutTheCost जैसी पहलें न केवल तंबाकू उन्मूलन और कैंसर की रोकथाम की दिशा में मील का पत्थर हैं, बल्कि यह भारत में स्वास्थ्य प्रणाली को और अधिक जागरूक, प्रभावी और समावेशी बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम भी हैं। अपोलो कैंसर सेंटर बिलासपुर द्वारा किया गया यह प्रयास मुंह के कैंसर से होने वाली असामयिक मौतों को रोकने और लोगों को एक स्वस्थ जीवन जीने में मदद करेगा।

