
आकाश दत्त मिश्रा

रायपुर। राजधानी रायपुर के प्रतिष्ठित स्कॉलर इंग्लिश मीडियम हायर सेकेंडरी स्कूल, सिविल लाइन की छात्रा तनिष्का अवस्थी ने कक्षा 10वीं की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में 94.4 प्रतिशत अंक प्राप्त कर विद्यालय में प्रथम स्थान हासिल किया है। इस सफलता के साथ ही तनिष्का ने यह सिद्ध कर दिया कि दृढ़ निश्चय, अनुशासन और मेहनत के बल पर बिना किसी ट्यूशन या कोचिंग के भी उत्कृष्ट परिणाम हासिल किए जा सकते हैं।
बचपन से ही मेधावी रहीं तनिष्का ने एस भारत न्यूज़ से विशेष बातचीत में बताया कि उन्होंने शैक्षणिक सत्र के पहले दिन से ही नियमित पढ़ाई को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाया। प्रतिदिन 8 से 10 घंटे की मेहनत, समय का सही प्रबंधन और इंटरनेट का रचनात्मक उपयोग उनकी सफलता की कुंजी रहा। जहाँ आज के समय में सोशल मीडिया को पढ़ाई का बाधक माना जाता है, वहीं तनिष्का ने उसी इंटरनेट का इस्तेमाल अपने डाउट्स क्लियर करने और स्वयं को मजबूत करने में किया।
इस सफलता का श्रेय तनिष्का अपने माता-पिता—पिता शारदा प्रसाद अवस्थी, जो रियल एस्टेट व्यवसाय से जुड़े हैं, और माता पूजा अवस्थी, जो एक गृहिणी हैं—को देती हैं। उनका कहना है कि माता-पिता ने पढ़ाई के हर मोड़ पर उनका साथ दिया और कभी भी किसी चीज़ की कमी नहीं होने दी। साथ ही उनका यह भी कहना है कि उनके छोटे भाई ने भी हर कदम पर उनका उत्साहवर्धन किया।
तनिष्का ने बताया कि वह एक भी दिन स्कूल से अनुपस्थित नहीं रहीं, और यह अनुशासन उनके माता-पिता की ही देन है। अपनी सफलता का श्रेय उन्होंने अपने शिक्षकों को भी दिया, जिनके मार्गदर्शन और प्रेरणा से वह इस मुकाम तक पहुंच पाईं।
तनिष्का को इंग्लिश लैंग्वेज एंड लिटरेचर में 91, हिंदी में 95, गणित में 96, विज्ञान में 91 और सामाजिक विज्ञान में 94 अंक प्राप्त हुए हैं। हालांकि वह इन अंकों से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं और भविष्य में और बेहतर करने की उम्मीद रखती हैं।
गणित और विज्ञान में गहरी रुचि रखने वाली तनिष्का आगे चलकर विज्ञान विषय लेकर पढ़ाई करना चाहती हैं और एक सफल वैज्ञानिक बनने का सपना देखती हैं। उनकी यह सोच प्रेरणादायक है कि अगर कोई एवरेज छात्र भी पहले दिन से ही नियमित पढ़ाई करें, तो सफलता उससे दूर नहीं रह सकती।
तनिष्का न केवल पढ़ाई में अव्वल हैं, बल्कि वे एक बेहतरीन चित्रकार भी हैं। उनकी पेंटिंग्स की भी जमकर सराहना होती है। उनकी इस बहुमुखी प्रतिभा ने न सिर्फ उनके माता-पिता, बल्कि उनके स्कूल और पूरे रायपुर शहर का नाम गर्व से ऊँचा किया है।
एक साधारण पृष्ठभूमि से आने वाली तनिष्का की असाधारण उपलब्धि आज के युवाओं के लिए एक मिसाल है। उनकी यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि समर्पण और आत्मविश्वास से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
