कुमकुम पूजा में सम्मिलित हुई 610 सुहागिन महिलाएं, आज शाम को इंदौर के कलाकार पेश करेंगे राधा- कृष्ण की रासलीला

अखंड सौभाग्य और संतान की मंगल कामना के साथ दक्षिण भारत में कुमकुम पूजा की परंपरा है। बिलासपुर के बारह खोली चौक, स्टेशन रोड में आयोजित श्री सोलापुरी माता पूजा के अवसर पर भी हर वर्ष इसी कुमकुम पूजा का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष यह आयोजन शुक्रवार को किया गया ,जिसमें 610 सुहागिन महिलाएं सम्मिलित हुई। निर्जला उपवास रखकर स्नान कर पारंपरिक दक्षिण भारतीय साज श्रृंगार कर महिलाएं सुबह ही पूजा पंडाल पहुंची, जहां कलश स्थापित कर धूप- दीप किया गया । नैवेद्य अर्पित कर पुजारी पार्थ सारथी के साथ सभी वैदिक परंपराओं का निर्वहन किया गया।

यह शक्ति, सौभाग्य और मंगलता का सूचक है, जिसमें महिलाएं लक्ष्मी, दुर्गा और अन्य शक्ति स्वरूपा मां सोलापुरी की कृपा प्राप्त करने के लिए पूजा करती है। यह पूजा करीब 3 घंटे तक चली। पूजा के पश्चात महिलाओं ने एक दूसरे को कुमकुम लगाकर शुभता के प्रतीक पान एवं केला अर्पित कर अभिवादन किया। इस अवसर पर आयोजन समिति के अध्यक्ष वी रामा राव और उनकी पत्नी वी हेमलता द्वारा हर वर्ष की भांति सभी महिलाओं को सुहाग सामग्री भेंट की गई । इस अवसर पर रामा राव दंपति द्वारा दोपहर भोज का भी आयोजन किया गया, जिसमें व्रतधारी महिलाओं के साथ उनके परिजनों ने भी भोजन ग्रहण किया। करीब डेढ़ हजार लोगों ने यहां प्रसाद ग्रहण किया। प्रतिदिन की भांति कुमकुम पूजा में सम्मिलित महिलाओं को भी निशुल्क कूपन प्रदान किया गया, जिनका लकी ड्रॉ निकालकर 14 सौभाग्यशाली महिलाओं को चांदी का सिंदूरदान प्रदान किया गया।

आज रासलीला

श्री सोलापुरी माता पूजा उत्सव के अवसर पर विविध धार्मिक आयोजन भी हो रहे हैं । इसी क्रम में शुक्रवार शाम को यहां इंदौर के कलाकारों द्वारा राधा- कृष्ण का श्रृंगार धरकर रासलीला की प्रस्तुति दी जाएगी। इन पर पुष्प वर्षा करने के लिए महिलाएं अपने घरों से पुष्प लेकर पहुंचेंगी।

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