


बारह खोली चौक, स्टेशन रोड बिलासपुर में धूमधाम से सोलापुरी माता पूजा उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन के रजत जयंती वर्ष में पंडाल और बिजली की आकर्षक सजावट की गई है ।
भक्तों ने किया एकवीरा देवी के दर्शन

प्रथम दिवस यहां पुजारी पार्थ सारथी द्वारा गीली हल्दी से माता के एकवीरा स्वरूप की रचना की गई। सनातन परंपराओं में एकवीरा देवी को रेणुका का एक रूप माना जाता है जो कोली समाज की कुलदेवी है और चंद्रसेनिया कायस्थ समुदाय द्वारा भी पूजी जाती है। महाराष्ट्र के पुणे के पास स्थित पर्यटन स्थल लोनावाला के पास कार्ला गुफाओं में उनका प्रसिद्ध मंदिर है। 500 सीढ़ियां चढ़कर उनके मंदिर तक पहुंचाना पड़ता है। चैत्र नवरात्रि में एकवीरा देवी के मंदिर में उत्सव मनाया जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार अज्ञातवास के समय पांडवों ने उनकी पूजा अर्चना की थी जिससे अर्जित शक्ति से ही वे महाभारत युद्ध में विजयी हुए थे। पांडवों ने ही उनकी मंदिर की स्थापना की थी।

हलवा का लगा भोग
श्री सोलापुरी माता पूजा सेवा समिति के अध्यक्ष वी रामाराव और सचिव एस सांई भास्कर ने बताया कि यहां प्रतिदिन देवी को अलग-अलग प्रकार के भोग अर्पित किए जा रहे हैं। प्रथम दिवस देवी को हलवा का प्रसाद चढ़ाया गया। यह प्रसाद कासिमपरा निवासी नितिन प्रसाद पटनायक के सौजन्य से अर्पित किया गया।



पुजारी पार्थसारथी ने अपनी टीम और बाल पुजारियो के सहयोग से गीली हल्दी से माता की प्रतिमा निर्मित की। रात्रि शुभ मुहूर्त में प्रतिमा का अनावरण किया गया। वैदिक मंत्रोच्चार और डफली की स्वर लहरी के साथ देवी की पूजा अर्चना की गई। माता के इस स्वरूप के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पूजा पंडाल पहुंचे।


निशुल्क कूपन का वितरण
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री सोलापुरी माता पूजा के अवसर पर पूजा पंडाल पहुंचने वाले बच्चों और महिलाओं को समिति की ओर से निशुल्क कूपन वितरित किए गए, जिनका अतिथियों द्वारा लकी ड्रा निकाला गया। लकी ड्रा के विजेता बच्चों को स्टेशनरी सामग्री प्रदान की गई तो वहीं महिलाओं को साड़ी और फोटो फ्रेम उपहार स्वरूप दिए गए। शनिवार को यहां अतिथि के रूप में भारतीय नगर स्थित श्री अय्यप्पा मंदिर के अध्यक्ष एस एन स्वामी सम्मिलित हुए, जिन्होंने देवी की पूजा अर्चना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।



