


बिलासपुर।
आज प्रातः 7 बजे विवेकानंद उद्यान एक बार फिर योग के रंग में रंग गया। सत्यम ओम योग विद्यालय विवेकानंद शाखा और बिलासपुर विश्व विद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सामूहिक योगाभ्यास में बड़ी संख्या में लोगों ने सहभागिता निभाई। हर उम्र के साधकों की उपस्थिति ने इस आयोजन को खास बना दिया।
बिलासपुर विश्वविद्यालय के योग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मोनिका पाठक ने योगाचार्य अनिल तिवारी के साथ बिहार योग विद्यालय मुंगेर की प्रशंसा करते हुए अभ्यास सत्र का शुभारंभ “अंतर मौन” और “शांति पाठ” से किया।

कार्यक्रम में पवन मुक्त आसनों से लेकर मकरासन, वज्रासन, शशांकासन, भुजंगासन, त्रिकोणासन जैसे व्यायामों का अभ्यास कराया गया, जो कमर दर्द, साइटिका, सिरदर्द, नेत्र विकार, हाई-लो ब्लड प्रेशर और मधुमेह जैसी समस्याओं में लाभकारी माने जाते हैं।

इसके पश्चात भस्त्रिका, कपालभाति, नाड़ी शोधन और भ्रामरी जैसे प्राणायाम के माध्यम से उपस्थित साधकों को मानसिक और शारीरिक शांति की अनुभूति कराई गई। योगनिद्रा के प्रेरणादायक सत्र में सभी ने गहराई से विश्राम का अनुभव किया।
अभ्यास सत्र के बाद साधकों ने अपने अनुभव भी साझा किए। जमन भाई कक्कड़ (साइटिका), ममता रवि जाजोदिया (पैरालिसिस), वाय.पी. शर्मा (पैरों का कड़ापन), डॉ. कौशिक, मनोज भंडारी, रीता भंडारी, श्याम कलवानी, चंद्रशेखर, सागर, सुधीर गुप्ता, रामनारायण तिवारी, अशोक दुबे, केशव चंद्र, नेहा रायजादा, अनिल सोनी, नंदलाल पमनानी और राकेश लालवानी जैसे अनेक प्रतिभागियों ने योग से जीवन में आए सकारात्मक बदलावों को साझा किया।

कार्यक्रम का आकर्षण बना सब-जूनियर राष्ट्रीय स्तर के योगाभ्यासी प्रणव विश्वकर्मा का प्रदर्शन, जिन्होंने कठिन आसनों को सहजता से प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं छोटे बच्चों का समर्पण और अनुशासन भी दर्शकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना।
सुबह टहलने आए नागरिक भी योगाभ्यास देखने ठहर गए और बच्चों की प्रतिभा की सराहना करते नहीं थके। बिलासपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी इस आयोजन में भाग लेकर योग की महत्ता को आत्मसात किया।
