फर्जी डिग्रीधारी कार्डियोलॉजिस्ट, अपोलो अस्पताल प्रबंधन और तत्कालीन सीएचएमओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और हाईलेवल जांच की मांग, कांग्रेस डेलीगेशन ने कलेक्टर को सौंपा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

यूनुस मेमन

छत्तीसगढ़ के प्रथम विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की अपोलो अस्पताल में कार्डिऑक सर्जरी के बाद हुई मौत और फर्जी डिग्रीधारी कार्डियोलॉजिस्ट नरेन्द्र विक्रमादित्य की सेवाएं लेने के मामले को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि मण्डल ने आज कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। डेलीगेशन में जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी, शहर अध्यक्ष विजय पाण्डेय, मस्तुरी विधायक दिलीप लहरिया, पूर्व विधायक सियाराम कौशिक, रश्मि आशीष सिंह, महापौर प्रत्याशी प्रमोद नायक, कांग्रेस नेता राजेंद्र साहू डब्बू और जगदीश कौशिक शामिल थे।

ज्ञापन में अपोलो अस्पताल प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए मांग की गई है कि – अपोलो में डॉ नरेन्द्र विक्रमादित्य को नौकरी पर रखते समय उनकी डिग्री और पूर्व के अनुभव सम्बंधी दस्तावेजों की जांच पड़ताल क्यों नहीं कराई गई? ज्ञापन में आरोप लगाते हुए कहा गया कि अपोलो अस्पताल ने अपने आपरेशन थियेटर को मौत का प्रयोगशाला बना दिया था जिसके चलते राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल समेत कई अन्य लोगों की असामयिक मौत हो गई।
इन बिन्दुओं पर हो उच्च स्तरीय जांच

  • पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की मृत्यु के बाद उनके पुत्र प्रोफेसर प्रदीप शुक्ला ने अपोलो हॉस्पिटल प्रबंधन के अलावा बिलासपुर सीएचएमओ से शिकायत दर्ज कराई थी। इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच क्यों नहीं कराई गई?
  • आईएमए के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ कर्नल वाय. एस. दुबे ने अपने स्तर पर फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ नरेन्द्र विक्रमादित्य के डिग्री की जांच कराई थी। जांच में डिग्री फर्जी पाया गया था और आईएमए अध्यक्ष ने तत्कालीन सीएचएमओ बिलासपुर और अपोलो अस्पताल प्रबंधन को इसकी जानकारी दी थी। आईएमए अध्यक्ष की रिपोर्ट को गंभीरता से क्यों नहीं लिया गया? लीपापोती की जगह समय पर वैधानिक कार्यवाही की गई होती तो कई बेकसूर लोगों की जान बच जाती।
    अपोलो लौटाएं राशि
  • कार्डियोलॉजिस्ट की हैसियत से डॉ नरेन्द्र विक्रमादित्य ने अपोलो अस्पताल में जितने भी आपरेशन किए उन सभी के परिजनों को आपरेशन सहित खर्च की पूरी राशि ब्याज सहित वापस लौटाएं।
  • पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के इलाज के लिए छत्तीसगढ़ शासन ने तत्समय 20 लाख रुपए दिया था। अपोलो अस्पताल प्रबंधन उस राशि को सरकारी खजाने में जमा कराएं।
    हत्या के आरोप में हो एफआईआर और चलाई जाएं मुकदमा
    ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई हैं कि तत्कालीन आईएमए अध्यक्ष की रिपोर्ट को दबा कर लीपापोती करने वाले तत्कालीन बिलासपुर सीएचएमओ और डॉ प्रताप रेड्डी चेयरमैन अपोलो ग्रुप, प्रीथा रेड्डी एक्ज़ीक्यूटिव चेयरमैन अपोलो ग्रुप, डॉ मनीष मट्टू रिज़नल हेड अपोलो अस्पताल ग्रुप, अर्णव राहा यूनिट हेड बिलासपुर अपोलो अस्पताल, फर्जी डॉक्टर नरेन्द्र विक्रमादित्य यादव के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई जाएं और मुकदमा चलाया जाएं।

क्षेत्र की जनता के साथ विश्वासघात


जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी ने आगे कहा कि पूरे बिलासपुर संभाग के लोग उच्चस्तरीय सुविधा और अच्छे इलाज के मामले में अपोलो अस्पताल पर आंख बंद कर भरोसा रखते थे लेकिन फर्जी डिग्री कांड ने जनता का भरोसा तोड़ दिया है, अपोलो अस्पताल प्रबंधन द्वारा लोगों के साथ विश्वासघात किया है। मौजूदा समय में अपोलो अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों की डिग्री की जांच कर उन्हें सार्वजनिक किया जाना चाहिए।

विजय केशरवानी
अध्यक्ष

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