

बिलासपुर: शहर के लिंगियाडीह क्षेत्र में अपोलो अस्पताल मार्ग के चौड़ीकरण के लिए नगर निगम द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। चुनाव समाप्त होते ही हाईकोर्ट के आदेश के बाद यह कदम उठाया गया, जिससे स्थानीय निवासियों और दुकानदारों में नाराजगी देखी जा रही है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद तेज हुई कार्रवाई
अपोलो अस्पताल जाने वाली सड़क वर्षों से अतिक्रमण के कारण संकरी हो गई थी, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। आए दिन ट्रैफिक जाम और देरी के कारण गंभीर परिस्थितियाँ उत्पन्न हो रही थीं। इस समस्या को देखते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सड़क चौड़ीकरण के आदेश दिए, जिसके बाद नगर निगम ने कार्रवाई तेज कर दी। मंगलवार सुबह नगर निगम की टीम ने 20 दुकानों को हटा दिया, जबकि अब भी 85 दुकानें और 23 मकान हटाने की प्रक्रिया जारी है।

प्रशासन बनाम स्थानीय निवासियों का विरोध
अतिक्रमण हटाने की इस कार्रवाई का स्थानीय निवासियों और व्यापारियों ने विरोध किया। उनका कहना है कि वे वर्षों से यहाँ रह रहे हैं और प्रशासन को पहले उनके पुनर्वास की उचित व्यवस्था करनी चाहिए थी। हालाँकि, प्रशासन का दावा है कि प्रभावित लोगों के लिए वैकल्पिक स्थान पहले ही निर्धारित कर दिया गया है।

नगर निगम के जोन क्रमांक 7 के जोन कमिश्नर प्रवीण शर्मा ने बताया कि अपोलो रोड 60 फुट चौड़ी होनी चाहिए थी, लेकिन दोनों ओर 20-25 फुट तक अतिक्रमण हो चुका था, जिससे यातायात बाधित हो रहा था। इसलिए वसंत विहार चौक से मानसी गेस्ट हाउस तक की सड़क को चौड़ा किया जाएगा।
पुनर्वास योजना पर उठ रहे सवाल
प्रशासन ने दावा किया है कि अतिक्रमण हटाए जाने के बाद प्रभावित लोगों के पुनर्वास की योजना तैयार की गई है। जिनके मकान टूट रहे हैं, उन्हें बहतराई, सरोज विहार और आईएचएसडीपी योजना के तहत आवास दिए जाएंगे। इसके अलावा, 500 मीटर सड़क का डामरीकरण कर मार्ग को सुगम बनाया जाएगा।
लेकिन स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन ने बिना उचित पुनर्वास के ही उन्हें हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। एक निवासी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, “हमारा जीवन यहीं बीता है। अब हमें जबरन हटाया जा रहा है, लेकिन हमारी कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई। हम आखिर जाएँ तो जाएँ कहाँ?”
सड़क चौड़ीकरण से यातायात व्यवस्था में होगा सुधार
जहाँ एक ओर प्रभावित लोग अपने अधिकारों और पुनर्वास की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासन का कहना है कि सड़क चौड़ी होने से शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार होगा। अब देखना होगा कि प्रशासन और स्थानीय निवासियों के बीच इस मुद्दे का क्या समाधान निकलता है और क्या प्रभावित लोगों को उचित पुनर्वास मिल पाता है या नहीं।