


सरकंडा पुलिस ने ज़मीन के खसरा नंबर बदलकर धोखाधड़ी करने के आरोप में प्रॉपर्टी डीलर सिद्धांशु मिश्रा को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। यह मामला जोरापारा, सरकंडा की एक भूमि से जुड़ा है, जहां वर्ष 2010-11 में खसरा नंबर 424 की ज़मीन का फर्जी 22 बिंदु प्रतिवेदन तैयार कर उसे खसरा नंबर 409 बताकर बिक्री कर दिया गया था। इस घोटाले में तत्कालीन हल्का पटवारी चंदराम बंजारे और कमल किशोर कौशिक की संलिप्तता भी सामने आई है, जिनकी तलाश की जा रही है।
जोरापारा, सरकंडा में सोनिया बाई व अन्य 3 लोगों के नाम पर 56 डिसमिल भूमि दर्ज थी। सिद्धांशु मिश्रा ने इस ज़मीन के विक्रय के लिए मुख्तियारनामा प्राप्त किया, लेकिन असल में इस भूमि का विक्रय पहले ही किया जा चुका था। बची हुई भूमि सड़क और नाली के लिए आरक्षित थी, जिसे बेचा नहीं जा सकता था।
सिद्धांशु मिश्रा ने तत्कालीन पटवारी चंदराम बंजारे और कमल किशोर कौशिक की मदद से खसरा नंबर 424 की भूमि को खसरा नंबर 409 बताकर फर्जी 22 बिंदु प्रतिवेदन तैयार कराया और चंद्रकुमारी फणनवीस, विलास शर्मा, अरुणा शर्मा, नलिनी शुक्ता एवं अर्चना जायसवाल को बेच दिया। खसरा नंबर 409 वास्तव में गेंदराम गुप्ता की भूमि थी, जिसे गलत तरीके से इन खरीदारों को सौंप दिया गया।
इस मामले में विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) न्यायालय, बिलासपुर में परिवाद प्रस्तुत किया गया था। जांच के बाद सरकंडा पुलिस ने अपराध क्रमांक 574/2016 के तहत धारा 167, 420, 465, 467, 468, 471, 474, 120 (बी) भादवि एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज किया।
पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह द्वारा न्यायालय में लंबित मामलों की समीक्षा के दौरान इस प्रकरण को पुनः जांच में लिया गया। नगर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बघेल के निर्देशन में सिद्धांशु मिश्रा को 10 मार्च 2025 को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे केन्द्रीय जेल, बिलासपुर भेज दिया गया।
इस घोटाले में शामिल पटवारी चंदराम बंजारे और कमल किशोर कौशिक की तलाश जारी है। पुलिस मामले की आगे जांच कर रही है और अन्य संभावित आरोपियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
