मांग कर ले गए साइकिल को बेचकर पैसे खर्च कर दिए जाने से नाराज भाइयों ने युवक की हत्या कर उसकी लाश को जला दिया

यूनुस मेमन

बिलासपुर। कोटा थाना क्षेत्र के बेलगहना चौकी अंतर्गत एक सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा हुआ है। साइकिल बेचने के विवाद में दो युवकों ने मिलकर एक युवक की हत्या कर दी और साक्ष्य मिटाने के लिए शव को जला दिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।

क्या है पूरा मामला?

जोबापारा सेमरी निवासी बालकुंवर भैना ने 28 फरवरी 2025 को चौकी बेलगहना में अपने पुत्र मिलाप सिंह भैना की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट के अनुसार, 22 जनवरी की रात से ही वह लापता था और आखिरी बार उसे गांव के सतबीर यादव के साथ देखा गया था। पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अर्चना झा और कोटा थाना प्रभारी आईपीएस सुमित कुमार की टीम ने जांच शुरू की।

कैसे हुआ हत्याकांड का खुलासा?

पुलिस जांच में संदेहियों सतबीर यादव (30 वर्ष) और देवनाथ यादव (25 वर्ष) को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, लेकिन वे लगातार गुमराह करने की कोशिश करते रहे। जब मामले की गहराई से जांच की गई, तो साक्ष्य उनके खिलाफ मिलने लगे।

आरोपियों ने कबूल किया कि मृतक मिलाप सिंह ने सतबीर यादव की साइकिल मांगकर ली थी और फिर उसे 1500 रुपए में बेच दिया था। इस बात से नाराज होकर दोनों भाइयों ने 22 फरवरी की रात 10 बजे उसे घर से बुलाया और लकड़ी के डंडे से पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को गांव के पास अजगरमाड़ा जंगल के पोखर गड्ढे में ले जाकर लकड़ी और गोबर के कंडे से जलाकर साक्ष्य मिटाने की कोशिश की।

डॉग स्क्वॉड और एफएसएल जांच में मिले अहम सुराग

पुलिस ने जब डॉग स्क्वॉड और एफएसएल टीम की मदद ली, तो कई अहम सुराग हाथ लगे। शव जलाने के स्थान से राख, हड्डियों के अवशेष, एक जोड़ी चप्पल और हरा चेकदार गमछा मिला। परिजनों ने चप्पल और गमछे की पहचान मृतक के रूप में की।

पुलिस ने आरोपियों के घर की तलाशी लेकर हत्या में इस्तेमाल लकड़ी का डंडा और साइकिल बरामद कर लिया। सभी सबूतों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 103(1), 238, 61, 3(5) के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस टीम का विशेष योगदान

इस पूरे मामले की जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी में फॉरेंसिक टीम, उप निरीक्षक भावेश शेंडे, एएसआई मोतीलाल सूर्यवंशी, भरत लाल राठौर, आरक्षक ईश्वर नेताम, विजेंद्र कोल, अंकित जायसवाल और रवि कंवर का विशेष योगदान रहा।

आरोपियों को भेजा गया न्यायिक हिरासत में

पर्याप्त सबूत मिलने के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर 3 मार्च 2025 को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया। पुलिस मामले की आगे जांच कर रही है।

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