स्वामी आत्मानंद पंडित रामदुलारे स्कूल के 11वीं के छात्र ने 12वीं के छात्र का सर फोड़ा

पढ़ने लिखने की उम्र में छात्रों का गुट आपस में बलवा कर रहा है। मामला स्वामी आत्मानंद पंडित रामदुलारे शुक्ल स्कूल सरकंडा मुक्तिधाम का है ।सरकंडा मुक्तिधाम के पास स्थित स्वामी आत्मानंद स्कूल के 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले दो छात्रों के बीच पुरानी रंजिश थी। इसी विवाद में 11वी के छात्र ने अपने साथियों के साथ मिलकर 12वी के छात्र की पिटाई कर दी ।

प्राचार्य

घायल छात्र अपने माता-पिता के साथ शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंच गया। इसी स्कूल की कक्षा 12वीं में आर्ट्स की पढ़ाई करने वाले छात्र की 11वीं में पढ़ने वाले दूसरे छात्र से लंबे समय से विवाद है । दोनों के बीच आए दिन झगड़े होते रहते हैं। बताया जा रहा है कि इसी रंजिश के चलते 11वीं के छात्र ने अपने कुछ साथियों के साथ 12वीं में पढ़ने वाले छात्र को मुक्तिधाम के पास घेर लिया और फिर सब ने मिलकर उसकी पिटाई कर दी, जिससे छात्र का सर फूट गया और वह लहूलुहान हो गया। घायल छात्र की मां प्रेमलता साहू ने सरकंडा थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराते हुए आरोपी छात्र के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

बताया जा रहा है कि दोनों छात्रों के बीच शनिवार को भी मारपीट हुई थी,जिसका बदला लेने के लिए सोमवार शाम को 11वीं के छात्र ने अपने कुछ साथियों को बुला लिया। जिन्होंने घर जाते वक्त 12वीं कक्षा के छात्र की पिटाई कर दी और उसका सर भी फोड़ दिया।
पूछताछ में हमला करने वाले छात्र ने कहा कि घायल छात्र ने उसे मोबाइल पर गाली गलौज किया था। इसके कारण उसने तैश में आकर मारपीट की । इस मारपीट की शिकायत पहले भी स्कूल में की जा चुकी है लेकिन प्रभारी प्राचार्य पूर्णिमा मिश्रा का दावा है कि यह लड़ाई स्कूल के बाहर हुई है इसलिए स्कूल का इससे कोई सरोकार नहीं है । वह तो यह कहती है कि उनके स्कूल ने पढ़ाई और स्पोर्ट्स में कीर्तिमान स्थापित किया हैं, चर्चा इसकी होनी चाहिए ना की दो छात्रों के बीच मारपीट की।

आरोपी छात्र

इस स्कूल में छात्रों के अलावा छात्राएं भी पढ़ती है। जिस तरह से आए दिन दो गुटों के बीच मारपीट और विवाद हो रहा है, अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में अभिभावक इस स्कूल में अपने बच्चों को भेजने से पहले 10 बार सोचेंगे। ऐसे में सरकंडा स्थित स्वामी आत्मानंद रामदुलारे स्कूल की प्रभारी प्राचार्य का यह तर्क बेतुका है कि छात्रों के बीच मारपीट से उनका कोई नाता नहीं है। उन्हें अपने छात्रों में अनुशासन उत्पन्न करना होगा और ऐसे बेलगाम छात्रों को जरूरत पड़े तो टीसी देकर बाहर का रास्ता भी दिखाना होगा।

घायल छात्र

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