बिलासपुर। बुधवार को बिलासपुर प्रेस क्लब पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अभयनारायण राय, पीसीसी प्रवक्ता प्रकाश मणि वैष्णव, राहुल हंसपाल,राज यादव ने कहा कि प्रदेश की विष्णुदेव साय सरकार चाहती है कि अन्याय के खिलाफ कोई आवाज ना उठाए और अगर उठाया तो जेल जाए। इस बात को साय सरकार बार-बार जनता को याद दिला रही है। चाहे सतनामी समाज के लिए आवाज उठाने वाले विधायक देवेंद्र यादव की बात हो चाहे हसदेव बचाने की मांग करने वाले आदिवासियों की बात हो या फिर मासूम छात्राओं के लिए आवाज उठाने वाले राहुल हंसपाल की बात हो।
बिलासपुर के पचपेड़ी छात्रावास में जो घटना हुई वह बेहद दुखद है।
खराब भोजन की शिकायत करने पर अधीक्षिका बच्चियों को बाथरूम के विडियो वायरल करने की धमकी देती है। बच्चे इसके खिलाफ धरने पर बैठते हैं तो तहसीलदार जेल भेजने की धमकी देती हैं।
मामले को संज्ञान में लेकर एनएसयूआई के छात्र नेता बच्चों के बीच पहुंचते हैं तो इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाती है। छात्राओं को जेल भेजने की धमकी देने वाली तहसीलदार का विरोध करने पहुंचे छात्रनेता पर FIR दर्ज कर दी जाती है।उन्होंने कहा कि
बिलासपुर के मस्तूरी विधानसभा अंतर्गत छात्रावास में छात्राओं द्वारा चक्काजाम और महिला तहसीलदार द्वारा
छात्राओं को जेल भेजने का वीडियो वायरल होने के अन्य के खिलाफ फर्जी मामलों में FIR दर्ज कर दी गयी। बाद वहाँ विरोध करने पहुँचे NSUI छात्रनेता राहुल हँसपाल व छात्रनेता छात्राओं के साथ मिलकर बी ओ शिवराम टंडन, तहसीलदार माया आंचल और छात्रावास अधीक्षिका संगीता टंडन को निलंबित करने की मांग और छात्रावास में सुरक्षा की मांग कर रहे थे। विरोध प्रदर्शन और धमकी की वीडियो वायरल होने के बाद छात्रावास अधीक्षिका को निलंबित तो कर दिया गया मगर कुछ देर बाद ब्लॉक शिक्षा अधिकारी द्वारा पचपेड़ी थाना में कार्यकर्ताओं के विरुद्ध शिकायत दर्ज की गई जिस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए FIR भी दर्ज कर दी गयी। एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं को 5 घंटे थाने में बिठाने के बाद मुचलके में रात्रि 10 बजे छोड़ा गया।
साय सरकार को यदि अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने से इतनी ही परेशानी है तो उन्हें लिखित तौर पर एक सरकारी आदेश जारी कर देना चाहिए कि साय सरकार के विरुद्ध कोई भी आवाज ना उठाये। भाजपा की साय सरकार कितना भी दमन करने का प्रयास कर ले कांग्रेस के लोग जनता के साथ खड़े हैं और उनके हक के लिए आवाज उठाने के लिए सब कुछ सहने को तैयार हैं।