बिलासपुर शहर के बेहद चर्चित शा. जमुना प्रसाद वर्मा स्नातकोत्तर कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय बिलासपुर के नाम से शायद ही कोई अनजान होगा। यह शहर के बीच स्थित एकमात्र ऐसा महाविद्यालय है जिसमें शहर से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र के छात्र-छात्राएं अपने उच्च शिक्षा एवं सर्वांगीण विकास के सपने पूरे करने दूर-दूर से आते है। इस महाविद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा अतिरिक्त गतिविधियों के रूप में एन.सी.सी. यूनिट की भी स्थापना 1956 में की गई थी। 7वीं छत्तीसगढ़ एन.सी.सी. बटालियन बिलासपुर से संबद्ध यह एन.सी.सी. यूनिट अपने गौरवशाली इतिहास के लिए विख्यात है।

यह महाविद्यालय अपने इस एन.सी.सी. यूनिट के माध्यम से इस देश को कई वीर बहादुर सैनिक (मिलिट्री एवं पैरामिलिट्री फोर्सेस), डिप्टी कलेक्टर, पुलिस निरीक्षक एवं आरक्षक शासकीय एवं निजी संस्थानों को समर्पित एवं योग्य युवाओं की उपलब्धता करवा चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों से आए युवाओं के सैनिक बनकर देश सेवा के सपने को साकार करने के लिए यह एन.सी.सी. यूनिट किसी वरदान से कम नहीं है।

ऐसे में 2001 के पूर्व में महाविद्यालय की एन.सी.सी. यूनिट की क्षमता 104 कैडेट्स की थी जो कि 2001 के बाद घटकर 54 कैडेट्स हो गई थी जिसके वजह से प्रतिवर्ष अनेकों स्टूडेंट्स के एन.सी.सी. प्रशिक्षण प्राप्त करने का सपना अधूरा रह जाता था। ऐसे में महाविद्यालय के प्राचार्य एवं एन.सी.सी. अधिकारी के अथक प्रयासों से एन.सी.सी. बटालियन द्वारा महाविद्यालय के एन.सी.सी. शाखा की क्षमता 54 कैडेट्स से बढ़ाकर 107 कैडेट्स की कर दी गई है। अब प्रतिवर्ष अधिक संख्या में कैडेट्स प्रशिक्षण प्राप्त कर देश सेवा में चुने जा सकेंगे।

इस हर्ष के अवसर पर बटालियन के कमान अधिकारी कर्नल अमिताभ श्रीवास्तव, प्रशासनिक अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल संजीव रॉय, सूबेदार मेजर रंजीत सिंह ने महाविद्यालय को शुभकामनाएं प्रेषित की है, साथ ही इस उपलब्धि के लिए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. एस. एल. निराला, एन.सी.सी. अधिकारी लेफ्टिनेंट अंशुल गौरहा, महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक, सह. प्राध्यापकों अधिकारी-कर्मचारी एवं पूर्व एन.सी.सी. सीनियर्स ने प्रसन्नता व्यक्त की है।

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