शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक बिलासपुर श्री रजनेश सिंह (भापुसे ) के द्वारा पुलिस लाइन में जनरल परेड का निरीक्षण किया गया। पुलिस विभाग में परेड निरीक्षण के अत्यधिक महत्व है, परेड निरीक्षण के माध्यम से फोर्स में अनुशासन बनाए रखा जाता है।
पुलिस अधीक्षक महोदय शरू रजनेश सिंह (भापुसे) द्वारा जनरल परेड में अभिनव फल के माध्यम से नवाचार करते हुए 1 जुलाई 2024 से लागू होने वाले नवीन भारतीय कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता(BNSS) एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) के प्रावधानों के अनुरूप जिले के समस्त राजपत्रित अधिकारी थाना प्रभारी एवं अन्य विवेचना अधिकारियों कर्मचारियों के प्रशिक्षण अभ्यास का आयोजन किया गया था।
जिसमें जिले के 3 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों सहित कुल 12 राजपत्रित अधिकारी, 19 निरीक्षक, 14 उपनिरीक्षक 41 सहायक उप निरीक्षक, 44 प्रधान आरक्षक, 146 आरक्षक, 45 महिला आरक्षक एवं BDS और डॉग स्क्वाड सहित कुल 325 अधिकारी एवं जवान परेड में शामिल हुए। जिसमें अलग-अलग प्रकरणों साधारण एवं गंभीर मारपीट चोरी नकबजनी, लूट, हत्या ,डकैती ,हत्या का प्रयास ,धोखाधड़ी झपटमारी, संगठित अपराध ,आतंकवादी कृत्य,देशद्रोह, आबकारी के मामले ,नशीली पदार्थों पर कार्रवाई रोड एक्सीडेंट, दहेज हत्या, एट्रोसिटी इत्यादि मामलों की विवेचना नए कानूनी प्रावधानों के अनुरूप कैसे करें इस हेतु अलग-अलग टीमें बनाई गई थी प्रत्येक टीम में एक राजपत्रित अधिकारी के साथ एक निरीक्षक एवं उपनिरीक्षक अन्य विवेचक, महिला एवं पुरुष आरक्षक दिए गए थे।
इन टीमों द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण अपराधों की विवेचना नए कानूनों के अनुरूप किस प्रकार की जानी है, इसका अभ्यास करने हेतु नाट्य रूपांतरण किया गया और क्राइम सीन बनाया गया तथा प्रार्थी, विवेचक आदि सभी की भूमिकाओं में रहकर FIR से लेकर चलानी कार्यवाही तक की प्रक्रिया का अभ्यास किया गया।
इस अभ्यास की विधिवत केस डायरी बनाई जा रही है और वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई, जिससे बाद में वीडियो को देखकर जो समस्याएं आ रही हैं और गलतियां हो रही है उनमें सुधार किया जाएगा, ताकि 1 जुलाई से नए कानून के प्रवर्तन होने पर हमारे पुलिस के जांच कर्ता अधिकारी एवं कर्मचारियों के द्वारा कम से कम गलती हो।
नए कानून में जो E FIR ,Zero FIR , पुलिस रिमांड के नए नियम ,नई परिभाषाएं एवं इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को लेकर जो संशोधन किए गए हैं उनकी जानकारी दी गई। किस प्रकार से जप्ती एवं गिरफ्तारी करना है कैसे पीड़ित का गवाहों का कथन लेना है और उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग करनी है और उसे न्यायालय में किस प्रकार प्रस्तुत करना है इसकी जानकारी देकर अभ्यास कराया गया। साथ ही महिला संबंधी अपराधों की जांच को लेकर जो बदलाव किए गए हैं उसकी जानकारी दी गई।