पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत हर्बल गुलाब बनाने का दिया गया प्रशिक्षण

आयुष्मान आरोग्य मंदिर लखराम में पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीण स्वसहायता समूह को औषधीय पौधों के प्रयोग से हर्बल गुलाल बनाने का प्रशिक्षण प्रदान किया गया । प्रभारी आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ रश्मि जितपुरे ने द्वारा इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन होली में औषधीय रंगों के प्रयोग के अंतर्गत किया l प्रशिक्षक के रूप में मोना केवट सहायक अध्यापक पी एन एस राष्ट्रीय सेवा योजना कॉलेज द्वारा विभिन्न प्रकार के नेचुरल औषधि पौधे का उपयोग कर रंग गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया गया जिसमें मुख्य रूप से टेशू के फूल ,पालक का रस चुकंदर का रस इनके प्रयोग द्वारा हर्बल गुलाल बनाया गया ।डॉ रश्मि ने द्वारा बताया कि बसंत ऋतु में उदवर्तन का बहुत महत्व है। प्राचीन काल से ही होली का त्यौहार औषधि पौधों के फूलों से रंगो द्वारा ही मनाए जाते रहे हैं जिसमें मुख्य रूप से पलाश ,गेंदे के फूल, गुलाब,टिशु के फूल कुंदरू की पत्तियां, चुकंदर के रस व पालक के रस का प्रयोग किया जाता है।

इसके प्रयोग के द्वारा हानि रहित हर्बल गुलाल बनाए जाते हैं इन रंगो द्वारा शरीर को किसी भी प्रकार के हानि नहीं पहुंचती ।अगर यह रंग गलती से भी आंखों के अंदर चले जाते हैं तो किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है। हमें हर्बल गु लाल प्रयोग करना चाहिए जिससे हमारे शरीर में किसी भी प्रकार की हानि नहीं होती और न हीं हमारे त्वचा में किसी भी प्रकार के एलर्जी होती है । इसमें गुलाब जल का भी प्रयोग खुशबू के लिए किया जाता हैं।इस प्रशिक्षण में ग्राम की महिलाएं सरस्वती केवट, लक्ष्मी केवट ,आशा, सतरूपा ,के साथ-साथ सभी औषधालय के कर्मचारी अनिल केवट खिलेश्वर,हेलन इंदुआ रितु बर्मन, मौजूद रहे कुल 15लोगो को मोना केवट जी ने प्रशिक्षण
दिया।

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