यूनुस मेमन
बेलतरा कोऑपरेटिव बैंक से उठाई गिरी करने वाले मध्य प्रदेश के कुख्यात नट गैंग के तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बेलतरा क्षेत्र में रहने वाला ग्रामीण किसान धौड़ामुड़ा निवासी शंकर सिंह टेकाम 20 फरवरी को सहकारी बैंक बेलतरा से ₹50000 नगद निकालकर उसे अपनी मोटरसाइकिल की डिक्की में रखकर घर लौट रहा था। रास्ते में वह कपड़ा खरीदने के लिए एक दुकान में रुक गया। इसी दौरान उठाई गिर गिरोह ने उनके मोटरसाइकिल की डिक्की को तोड़कर उसमें रखे हुए ₹50,000 निकाल लिए। घर पहुंचने पर किसान को इसकी जानकारी हुई, जिन्होंने रतनपुर थाने में पहुंचकर उठाई गिरी की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस और एसीसीयू की टीम अपराधियों की तलाश में जुट गई।
हाल ही में बैंक में होने वाले अपराधों को रोकने के लिए एक बैठक की गई थी, जिसमें बैंक में सीसीटीवी कैमरे लगाने, बैंक में सुरक्षा गार्ड तैनात करने, इमरजेंसी अलार्म सिस्टम लगाने और बैंक में आने वाले लोगों का नाम पता नोट करने के निर्देश दिए गए थे, इसके अच्छे नतीजे निकले है। पुलिस ने अपराधियों की तलाश में 150 से अधिक सीसीटीवी कैमरा के फुटेज जांच किये। कोऑपरेटिव बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरे में नजर आया कि दो लोग ग्रामीण जैसे वेशभूषा बनाकर अंदर बैठे हुए हैं तो वहीं बैंक के बाहर अलग-अलग मोटरसाइकिल में भी चार संदिग्ध लोग नजर आए। जैसे ही किसान रकम निकाल कर बाहर जाने लगा तो बैंक में बैठे हुए संदिग्धों ने कुछ इशारे किए। इसके बाद बाहर मौजूद मोटरसाइकिल सवार ग्रामीण के पीछे जाते दिखे। लेकिन उन लोगों की कोई और जानकारी पुलिस के हाथ नहीं लगी। इस दौरान हालांकि पुलिस को यह जरूर पता चला कि आरोपी खंडोबा मंदिर , कलमिटार जोगीपुर होकर कोटा की ओर गए हैं। आगे जाकर यह लोग अलग-अलग दिशाओं में चले गए। पुलिस ने अपराधियों की जानकारी जुटाने के लिए उनके वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दिए। यही से जानकारी मिली। किसी ने बताया कि आरोपी थाना मझौली जिला सीधी मध्य प्रदेश और थाना व्योहारी शहडोल के नट गिरोह के सदस्य हैं। जानकारी के बाद पुलिस ने स्थानीय मुखबिर की मदद से जितेंद्र कुमार उर्फ जीतू कंजर को ढूंढ निकाला। इसके बाद बाकी आरोपियों की भी तलाश शुरू हुई। शातिर आरोपी घटना को अंजाम देने के बाद या तो किराए के मकान में या रिश्तेदार के घर में रह रहे थे, जिन्हें ढूंढना पुलिस के लिए भी आसान नहीं था। काफी मशक्कत के बाद पुलिस आरोपियों तक पहुंच पायी तो पता चला कि जीतू कंजर इस गिरोह का मुखिया है। उसका भाई रवि कंजर, मित्र उमेश, रंजीत, लहरु और मखाडू इस गिरोह के सदस्य हैं। बेलतरा वाले मामले में रंजीत उर्फ रन्नु और रवि कंजर ग्रामीण के भेष में बैंक के अंदर मौजूद थे जबकि रवि कंजर, उमेश लहरु और मखाडू मोटरसाइकिल में पीछा कर रहे थे। रास्ते में मौका मिलने पर इन्होंने डिक्की से ₹50000 निकाल लिए थे। यह लोग इतने शातिर थे कि ग्रामीण जैसे वेशभूषा बना कर खुद की भोला भाला छवि पेश करते थे। पुलिस ने आरोपियों को पड़कर उनके पास से घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल के अलावा 13,500 बरामद किये है। पता चला कि लूटपाट के बाद इन लोगों ने 8000 रुपए आपस में बांट लिया था, जिन में से अधिकांश ने यह रकम खर्च कर डाली थी। पुलिस ने इस मामले में लुटेरे गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है जबकि तीन अब भी फरार है, जिन्हें भी जल्द ही पकड़ लेने का दावा किया जा रहा है। फिलहाल जितेंद्र कंजर, रवि कंजर और रंजीत की गिरफ्तारी हुई है।