लोकसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान किसी भी वक्त हो सकता है। इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा आत्मविश्वास से लबरेज है। पार्टी जीत हार की बात कर ही नहीं रही है। लक्ष्य तो 400 सीट लाने का है। उधर दूसरी और इंडी गठबंधन कहीं धरातल पर नजर नहीं आ रहा। चुनाव से पहले ही गठबंधन में बिखराव देखने को मिल रहा है। कमजोर विपक्ष और चुनाव में जीत की दूर-दूर तक कोई संभावना दिखाई न पड़ने से लगातार कांग्रेस और अन्य दलों से नेता छिटक कर भाजपा की सदस्यता ले रहे हैं। छत्तीसगढ़ भी इससे अछूता नहीं है। सोमवार को छत्तीसगढ़ में भी बड़ा उलटफेर देखने को मिला। जब कांग्रेस के नेता जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान समेत कई बड़े नेता भाजपा के पाले में आ गए। कुशाभाउ ठाकरे परिसर भाजपा कार्यालय रायपुर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री अरुण साव के अलावा अजय जमवाल और पवन साय की उपस्थिति में अरुण सिंह चौहान, सभापति राजेश्वर भार्गव, राहुल सोनवानी, कांग्रेस पिछड़ा वर्ग के जिला अध्यक्ष रामनारायण राठौर , जनपद सदस्य गोपी पटेल और पंधी के पूर्व सरपंच घनश्याम यादव ने भाजपा ज्वाइन कर लिया। इन्हें पटका पहना कर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता प्रदान की गई।
गौरतलब है कि अरुण सिंह चौहान ने भी दावेदारी की थी। खास बात यह है कि भाजपा द्वारा प्रत्याशियों की घोषणा के बाद भी लगातार दूसरे दलों के नेता भाजपा में प्रवेश कर रहे हैं। इससे ही समझ में आ रहा है कि सत्ता सुंदरी किसे आलिंगन करेगी यह नेता पहले ही आकलन कर चुके हैं। पहले से ही कमजोर कांग्रेस के इन बड़े नेताओं के भाजपा में आ जाने से कांग्रेस और कमजोर होती दिख रही है।