गोड़ पारा सियाराम सेवा समिति द्वारा किया गया सामूहिक सुंदरकांड का पाठ, 108 सुंदरकांड पुस्तिका और प्रसाद का किया गया वितरण

आकाश दत्त मिश्रा

अयोध्या में श्री रामलला मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश भर में अभूतपूर्व उत्साह है। वैसे भी पिछले कुछ वर्षों से भारत में सनातनी परंपराएं मजबूत हो रही है। युवाओं में भी अपने धर्म आचरण को लेकर गर्व का भाव उत्पन्न हुआ है और जगह-जगह विभिन्न धार्मिक आयोजन किया जा रहे हैं । प्रति मंगल एवं शनिवार को मंदिरों में हनुमान चालीसा पाठ की संख्या बढ़ती जा रही है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण और रामलला विग्रह प्रतिष्ठित होने की खुशी में गोड़ पारा के सियाराम सेवा समिति द्वारा इस मंगलवार को सामूहिक सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया, जहां महिलाओं ने सस्वर सुंदरकांड का सामूहिक पाठ किया।

रामायण में निहित सात कांड में से सुंदरकांड के पाठ में हनुमान जी द्वारा किए गए महान कार्यों का वर्णन है, जिसमें लंका प्रस्थान, लंका दहन और लंका से वापसी तक के घटनाक्रम शामिल है। सुंदरकांड के तीन श्लोक, सात दोहे और 526 चौपाइयां का महिलाओं ने ढोलक मंजीरे
के साथ पाठ किया। गोड़पाड़ा स्थित गौरीशंकर हनुमान मंदिर में आयोजित इस सुंदरकांड पाठ में बड़ी संख्या में सनातनी सम्मिलित हुए। इस अवसर पर आयोजन समिति की ओर से सुंदरकांड की 108 पुस्तिका का वितरण भी किया गया।

भगवान राम और हनुमान जी की आरती के पश्चात भक्तों में पारंपरिक चना, गुड़ ,लड्डू फल का प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर पूर्व महापौर विनोद सोनी ने कहा कि पूरे देश के साथ बिलासपुर के सनातनियों में भी अपने धर्म के प्रति आस्था मजबूत हुई है और लगातार इस तरह के आयोजनों से युवाओं को भी अपने धर्म के प्रति जोड़ने में मदद मिल रही है । पूर्व एल्डरमैन जगदीश पांडे ने बताया कि अयोध्या में रामलला के मंदिर स्थापित हो जाने के बाद भारत में धर्म के प्रति आत्म गौरव का भाव उत्पन्न हुआ है, जिसे इस तरह के आयोजनों से और मजबूती मिल रही है।

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